भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए मेक इन इंडिया के तहत कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। स्वदेशी तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए भारत ऐसे हथियारों और मिसाइलों का निर्माण कर रहा है जिसका जवाब बड़े-बड़े देशों के पास नहीं हैं। पहले भारत दुनिया के बड़े हथियार आयातक देशों के सूची में आगे था, वहीं भारत आज दुनिया 80 से ज्यादा देशों में अपने सैन्य साजो सामान का निर्यात कर रहा है। इससे भारत को विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है, साथ में देश को सामरिक ताकत भी मिल रही है। युद्ध की स्थिति में स्वदेशी हथियारों की अहम भूमिका होती है क्योंकि हथियार निर्यातक देश आपात स्थिति में मजबूरी का फायदा उठाने लगते है। भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के दौरान स्वदेशी हथियारों का जलवा सभी ने देखा। भारत ने आतंक का हब बने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिसमें ज्यादातर स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया गया। पहलगाम हमला के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत भारत ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। भारत की तकनीक एवं स्वदेशी हथियारों का ही कमाल था कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार किए बिना भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को नष्ट किया। इस दौरान भारतीय तकनीक का इस्तेमाल किया गया। ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के दौरान सतह से हवा में मार्ग करने वाले आकाश मिसाइल, मीडियम रेंज के एसएएम, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, एंटी ड्रोन सिस्टम, एआर बोर्न वाॄनम एंड कंट्रोल प्लेटफोर्म जैसे स्वदेशी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने स्वदेशी साइबर सक्षमता एवं खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान को कड़ी शिकस्त दी। रूस से खरीदे गए मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 का भी कमाल रहा। एस-400 ने 300 किमी की दूरी से पाकिस्तान के पांच एफ 16 विमान तथा एक अन्य विमान को मार गिराया। भारत ने इस ऑपरेशन के तहत स्वदेशी ड्रोन एवं रॉकेट का इस्तेमाल किया। ऑपरेशन ङ्क्षसदूर अभी स्थगित हुआ है, बंद नहीं हुआ है। पाकिस्तान जैसे पड़ोसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता। इसलिए भारत को भविष्य में होनी वाले किसी भी युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। चीन से भारत को लगातार चुनौती मिल रही है। चीन ने इस युद्ध के दौरान अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम तथा पीएल 15 मिसाइल को भी पाकिस्तान को दिया था, जो पूरी तरह विफल रहा। भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए भारत अपनी सेना, नौ सेना एवं वायु सेना को मजबूत बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। भारत ने हाल ही में धनुष मिसाइल 25 का सफल परीक्षण किया है, जिसका रेंज 350 से 400 किमी तक है। यह मिसाइल समुद्र में स्थित जंगी जहाजों से छोड़ा जा सकता है। यह मिसाइल पृथ्वी का नौ सैनिक संस्करण है। चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए भारत अपनी नौसेना को लगातार मजबूत कर रहा है ताकि ङ्क्षहद महासागर में भारत का दबदबा बना रहे। हाल ही में भारत ने नए युद्धपोत को अपने बेड़े में शामिल किया है। भारत रूस के साथ मिलकर एस 500 के संयुक्त उत्पादन के लिए बातचीत कर रहा है। भारत अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को भी विकसित कर रहा है। भारत भविष्य को देखते हुए रक्षा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भरशील के लिए लगातार प्रयासरत है।