पाकिस्तानी सेना के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमरीका की धरती से एक बार फिर भारत को धमकी दी है। मुनीर ने भारत को परमाणु ब्लैकमेङ्क्षलग का प्रयास किया है। मुनीर ने कहा है कि अगर भारत ङ्क्षसधु नदी पर बांध बनाता है तो पाकिस्तान बांध पूरा होने पर दस मिसाइलों से हमला कर बांध को बर्बाद कर देगा। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान पर हमला होता है तो हमलोग अपने साथ आधी दुनिया को ले डूबेंगे। पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष की धमकी से भारत अनभिज्ञ नहीं है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान भारत के ऑपरेशन ङ्क्षसदूर को भूल गया है। भारत के सेना प्रमुख उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ उम्मीद से पहले जल्द जंग शुरू हो सकता है। इसके लिए पहले से ज्यादा तैयारी करनी होगी, क्योंकि उस जंग में एक से ज्यादा देश शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर चुका है। ऑपरेशन ङ्क्षसदूर पर तरह-तरह के बयान के बाद वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत ङ्क्षसह ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों तथा एक बड़े विमान को मार गिराया गया था। उन्होंने कहा कि इन विमानों को एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया। ऑपरेशन के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन एवं उनकी कुछ मिसाइलें भी भारतीय क्षेत्र में गिरी। उनका कहना था कि भारत ने पाकिस्तान में सक्रिय नौ आतंकी ठिकानों को ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना बनाया। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक मिशन नहीं था बल्कि वह भारत की आत्मनिर्भरता, रणनीतिक सोच एवं स्वदेशी ताकत का ऐलान था। देश की विपक्षी पाॢटयां ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के बारे में लगातार सबूत मांग रही हैं। सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी तथा वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत ङ्क्षसह के बयान के बाद सरकार को जरूर राहत मिली होगी। इससे पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी कहा था कि ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के दौरान भारत का कोई नुकसान नहीं हुआ था। उन्होंने विपक्ष एवं पश्चिमी मीडिया को सबूत पेश करने की चुनौती भी दी थी। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी किसी देश का नाम लिये बिना कहा था कि ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के दौरान पांच विमान नष्ट हुए थे। इसको लेकर भारत के विपक्षी दलों ने एक मुद्दा बनाया था। ङ्क्षसधु जल समझौता स्थगित होने से पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। अगर ङ्क्षसधु नदी पर निर्माणाधीन सावलकोट डैम प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो पाकिस्तान को मिलने वाले पानी में निश्चित रूप से कटौती होगी। इसको लेकर वहां की सरकार तथा सेना काफी नाराज है। पाक सेनाध्यक्ष मुनीर परमाणु हमले की गीदड़भभकी देकर भारत को बातचीत के लिए दबाव डालना चाहते हैं, जो संभव नहीं है। पाकिस्तानी सेना को पहले अपने घर में उपजे विद्रोह को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना चाहिए। बलूच विद्रोही (बीएलए) ने मोर्टार से हमला कर पाकिस्तान के दो मोबाइल टाबर को उड़ा दिया है। इसका इस्तेमाल वहां की सेना करती थी। दूसरी तरफ पाकिस्तान के बाजौर में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) तथा सेना के बीच मुठभेड़ हो रहा है। और कई जगहों पर भी पाकिस्तानी सेना को विद्रोहियों से चुनौती मिल रही है। वहां की अर्थ-व्यवस्था आईएमएफ, विश्व बैंक तथा अन्य वित्तीय संस्थानों के कर्ज पर चल रही है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान को भारत से पंगा न लेकर अपनी अर्थ-व्यवस्था सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।