ईरान और पाकिस्तान से 5,000 से अधिक अफगान शरणार्थी परिवार एक ही दिन में अपने वतन अफगानिस्तान लौट आए। रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को कुल 4,852 परिवार ईरान से और 153 परिवार पाकिस्तान से अफगानिस्तान लौटे। यह बड़ा वापसी अभियान ऐसे समय में जारी है जब अफगान अंतरिम सरकार ने ईरान से आग्रह किया है कि वह शरणार्थियों को वापस भेजने की प्रक्रिया में संयम बरते। ईरान ने हाल ही में अवैध रूप से रहने वाले अफगान नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया था। जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय ने ईरान का पिछले चार दशकों से अफगान शरणार्थियों को शरण देने के लिए आभार व्यक्त किया है और शरणार्थियों के अधिकारों का सम्मान बनाए रखने की अपील की है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक उपप्रधानमंत्री (प्रशासनिक मामलों) मौलवी अब्दुस सलाम हनफी ने गुरुवार को बताया कि पिछले एक महीने में ही आधे लाख से अधिक अफगान शरणार्थी ईरान से लौट चुके हैं। इस वर्ष अब तक कुल 15 लाख से अधिक अफगान शरणार्थी ईरान और पाकिस्तान से अफगानिस्तान लौट चुके हैं और यह सिलसिला जारी है। इससे पहले 26 जून को पश्चिमी हेरात स्थित इस्लाम कला बॉर्डर से एक दिन में 30,000 से अधिक शरणार्थी अफगानिस्तान लौटे, जिसे हाल के दिनों की सबसे बड़ी वापसी के रूप में देखा गया। प्रांतीय सूचना एवं संस्कृृति विभाग के निदेशक मौलवी अहमदुल्ला मुत्तकी ने बताया कि लौटने वाले सभी शरणार्थियों को पानी, भोजन और तात्कालिक चिकित्सा जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हंैैै। बता दें कि अफगानिस्तान की ईरान से दो प्रमुख सीमा चौकियां हेरात प्रांत में इस्लाम कला और निमरोज प्रांत में एक अन्य स्थान हैं, जहां हाल के हफ्तों में शरणार्थियों की वापसी में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। दशकों से अशांति और अस्थिरता झेल रहे अफगानिस्तान से लाखों लोग बीते दशकों में पड़ोसी देशों में गए, लेकिन अब ईरान और पाकिस्तान जैसे देश विस्थापित अफगानों से जुड़ी नई नीतियों पर अमल कर रहे हैं। इससे इन देशों में रह रहे लाखों अफगान प्रभावित हो रहे हैं। ईरान ने अपने यहां गैर कानूनी रूप से रह रहे 40 लाख अफगानों को देश से चले जाने के लिए 6 जुलाई की समय-सीमा दी थी। उल्लेखनीय है कि इन दोनों ही देशों से अफगान लोगों को बड़े पैमाने पर बिना किसी गरिमा और व्यवस्था के भेजा जा रहा है, जिससे अफगानिस्तान पर बहुत दबाव पड़ रहा है, जो इन लोगों को लेने का इच्छुक तो है लेकिन इसके लिए उसकी कोई तैयारी नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा लोगों को भेजा जा रहा है और जिस तरीके से भेजा जा रहा है, वह उनके लिए चिंता का कारण है। इस साल पाकिस्तान और ईरान से 16 लाख लोग पहले ही अफगानिस्तान लौट चुके हैं, इनमें ज्यादातर लोग ईरान से आए हंै। यूएनएचसीआर का अनुमान है कि इस साल अफगानिस्तान में करीब तीस लाख लोग वापस आएंगे। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी का कहना है कि इस्लाम कला बॉर्डर से हर दिन 30 हजार लोग ईरान से अफगानिस्तान में आ रहे हैं। 4 जुलाई को तो एक ही दिन में 50 हजार लोग आए? इनमें से बहुत से लोगों को अचानक अपने ठिकाने से उखाड़कर यहां भेजा जा रहा है और इसके लिए उन्हें दुर्गम और मुश्किल सफर करना पड़ रहा है। जब वे आते हैं तो थके होते हैं, उन्हें कुछ पता नहीं होता और वे बर्बरता के शिकार और अक्सर मायूस होते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने हर दिन सात से दस हजार लोगों को साफ पानी, साफ-सफाई और शौचालय की सुविधा मुहैया कराने का इंतजाम किया है। जो लोग सीमा पार करके आ रहे हैं, उनमें से बहुत से लोगों का कहना है कि ईरानी अधिकारियों ने उन्हें अपना देश छोड़ने के लिए मजबूर किया, इसमें लोगों को गिरफ्तार करके सीमा पार भेजना भी शामिल है। उधर सहायता संस्था रेड क्रॉस का अनुमान है कि ईरान से इस साल और दस लाख अफगान लोगों को भेजा जा सकता है। हेरात प्रांत की इस्लाम कला सीमा चौकी पर हाल के दिनों में लौटने वाले लोगों की भरी हुई बसें देखी हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि इस साल 12 लाख लोग ईरान से अफगानिस्तान लौट चुके हैं।
शरणार्थी समस्या
