2ब्रह्मपुत्र सहित 10 नदियां बह रही खतरे के निशान से ऊपर, 15 जिलों में 78,000 लोग प्रभावित2शाह ने सीएम से ली स्थिति की जानकारी 2गुवाहाटी जोरहाट व माजुली के बीच नौका सेवाएं तत्काल प्रभाव से स्थगित
पूर्वांचल प्रहरी कार्यालय संवाददाता
गुवाहाटी: असम में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। राज्य की प्रमुख नदियां, जिनमें ब्रह्मपुत्र और बराक सहित 10 प्रमुख नदियां शामिल हैं, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई जिलों में बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस चुका है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बढ़ती चिंताओं के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा से फोन पर बात कर राज्य की वर्तमान स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी ली। गृह मंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन देते हुए कहा कि एनडीआरएफ और अन्य आपदा प्रबंधन एजेंसियों को पूरी तरह तैयार रखा गया है। उल्लेखनीय है कि असम में रविवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही। राज्य की 10 प्रमुख असम के कई जिलों में बाढ़ का कहर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने से 15 से अधिक जिलों में 78,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 10 लोगों की मौत हुई और 15 से अधिक जिलों के 78,000 से अधिक निवासी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन से सड़क परिवहन, रेल यातायात और नौका सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बाढ़ की गंभीर स्थिति के मद्देनजर असम के लिए 'ऑरेंज बुलेटिन जारी किया है। आयोग के मुताबिक ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने असम में बाढ़ के बारे में जानकारी लेने के लिए मुझे फोन किया और मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता की पेशकश की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने उन्हें उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी है और हम उनके सहयोग के लिए आभारी हैं। वहीं पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश और बरईग्राम-दुल्लभछड़ा खंड पर पटरियों के ऊपर से पानी बहने के कारण दुल्लभछड़ा-सिलचर सवारी गाड़ी, सिलचर-दुल्लभछड़ा सवारी गाड़ी और बदरपुर-दुल्लाभछड़ा-बदरपुर सवारी गाड़ी को दो दिन के लिए रद्द कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गुवाहाटी-दुल्लभछड़ा-गुवाहाटी ट्रेन को बाराईग्राम से ही शुरू किया जाएगा तथा मंगलवार तक बाराईग्राम और दुल्लभछड़ा के बीच यह ट्रेन रद्द रहेगी। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार से कामरूप जिले के छयगांव क्षेत्र के शिंगरा शालनीबाड़ी के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-17 के बड़े हिस्से पर पानी भर गया है जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के साथ-साथ पड़ोसी राज्य मेघालय से आने वाला पानी स्थिति को और गंभीर बना रहा है। अधिकारियों ने बताया कि वैकल्पिक मार्गों के जरिए यातायात सुगम बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुत्र नद के बढ़ते जलस्तर के कारण गुवाहाटी, जोरहाट और माजुली के बीच नौका सेवाएं तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई हैं। सीडब्ल्यूसी के बुलेटिन में कहा गया है कि डिब्रूगढ़ और निमती घाट (जोरहाट) में ब्रह्मपुत्र नद खतरे के निशान से ऊपर प्रवाहित हो रही है। इसके अलावा ढलेस्वरी (घरमुरा, हैलाकांदी), रुकनी (ढोलाई, कछार), कताखाल (मातिजुरी, हैलाकांदी), बराक (बदरपुर घाट, श्रीभूमि), बुढ़ीदिहिंग (मार्घेरिटा, तिनसुकिया), कुशियारा (श्रीभूमि) धनसिरी (नुमालीगढ़, गोलाघाट), कपिली (कामपुर, नगांव) आदि नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर हैं। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को राज्य के पश्चिमी हिस्से के तीन जिलों में 'रेड अलर्ट और आठ जिलों में 'ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के ऊपरी इलाकों से आए बारिश के पानी ने बाढ़ की स्थिति और खराब कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं की टीम तैनात की गई हैं और प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने नदियों के किनारे और...
रहें, तैयार रहें। असम में रविवार को भी बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी रही और 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के 15 से अधिक जिलों में 78,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके अलावा, राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शर्मा से फोन पर बात कर राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली तथा हरसंभव सहायता की पेशकश की। (भाषा)
यूक्रेन ने ड्रोन हमले में रूस के 40...
बताया कि हमले के लिए ट्रकों में लादकर ड्रोन रूसी सीमा के काफी भीतर तक ले जाया गया। अधिकारी के मुताबिक ड्रोन से कथित तौर पर रविवार दोपहर को कई हवाई अड्डों पर 41 बमवर्षक विमानों को निशाना बनाया गया। अधिकारी के मुताबिक यूक्रेन से 4,000 किलोमीटर से अधिक दूर रूस के इरकुत्स्क क्षेत्र में स्थित वायुसेना का बेलाया हवाई अड्डा भी शामिल है। स्थानीय गवर्नर इगोर कोबजेव ने बताया कि यह पहली बार है कि इस क्षेत्र में यूक्रेन के ड्रोन देखे गए हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि ड्रोन को ट्रक से लॉन्च किया गया था। रियाजान और मरमंस्क क्षेत्रों में रूसी अधिकारियों ने भी रविवार दोपहर को ड्रोन गतिविधि की सूचना दी, लेकिन उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी। यह हमला उसी दिन हुआ जब जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन सोमवार को रूस के साथ सीधी शांति वार्ता के लिए इस्तांबुल में अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। जेलेंस्की ने रविवार को 'टेलीग्राम पर एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपनी आजादी, अपने देश और अपने लोगों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। यूक्रेन के अधिकारियों ने पहले क्रेमलिन से कहा था कि वह बैठक से पहले युद्ध समाप्त करने पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करने वाला एक ज्ञापन प्रस्तुत करे। रूस ने कहा था कि वह वार्ता के दौरान अपना ज्ञापन साझा करेगा। यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि रूस ने रविवार को तीन साल से जारी युद्ध में ड्रोन की संख्या के हिसाब से रविवार को सबसे बड़ा हमला किया। यूक्रेन की वायुसेना ने बताया कि रविवार को रूस ने 472 ड्रोन हमले किए। यूक्रेन की वायुसेना के संचार प्रमुख यूरी इग्नाट ने बताया कि रूसी सेना ने ड्रोन हमलों के साथ-साथ सात मिसाइलें भी दागीं। इस घटना के बाद तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बढ़ गया है। राष्ट्रपति पुतिन गुस्से में हैं और युक्रेन को सबक सिखाने का मन बना लिया है। अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि उन्हें युक्रेन की योजना की पहले से खबर नहीं थी।
मंत्री जयंत मल्ल ने गुवाहाटी में बाढ़...
में मंत्री बरुवा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को त्वरित राहत पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी विभागों को समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। बैठक के बाद मंत्री बरुवा ने मीडिया से कहा बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत सामग्री का समय पर वितरण सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जलभराव और बिजली कटौती से प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित वितरण के लिए मच्छर भगाने वाली दवाइयां, मोमबत्तियां, सैनिटरी नैपकिन और शिशु आहार जैसी वस्तुओं को प्राथमिकता दी जा रही है। मंत्री ने कहा कि अब बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में राहत सामग्री को पहले से ही ऊंचे स्थानों पर रखा जाएगा ताकि बाढ़ आने के 2 से 3 घंटे के भीतर वे प्रभावित परिवारों तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि हमने अतीत के सामना से चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उसका निवारण करना सीखा है। सरकार लगातार समाधान की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सुधारात्मक कदम पहले से ही चल रहे हैं और हम भविष्य में बेहतर कार्यों को और बेहतर बनाने के लिए हर प्रकार के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर अपनी क्षमता को मजबूत करने के लिए, प्रत्येक जीएमसी वार्ड पार्षदों को नगर बंधु या आपदा मित्र के रूप में नामित 10 स्वयंसेवकों को नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। ये स्वयंसेवक रेनकोट और अन्य आवश्यक वस्तुओं से लैस होंगे और आपात स्थिति के दौरान वार्ड-स्तरीय आपदा प्रतिक्रिया टीमों, गांव-बुढ़ा और मंडलों के साथ काम करेंगे। मंत्री ने कहा कि किसी भी इलाके में पहुंचने में मुश्किल होने पर ये स्वयंसेवक हमारे पहले पहुेंगे और नागरिकों और अधिकारियों के बीच की खाई को पाटेंगे। उन्होंने कहा कि एक और बड़ा फैसला किया गया है, गुवाहाटी में इस दौरान जान गंवाने वाले पांच लोगों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दिया जाएगा। आज शाम को ही स्थानीय विधायक और सांसद तथा साथ में अन्य अधिकारी के साथ मुआवजा राशि सौपेंगे। मंत्री ने भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों के बारे में सतर्कता बरतने के बारे में कहा कि भू-स्खलन जोन के रूप में घोषित इलाके में पहले से मलबा हटाने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनरी तैयार रखने के निर्देश भी दिए गए, ताकि संभावित घटना के बाद त्वरीत राहत और बचाव कार्यकर जानमाल की हानी को कम किया जा सके। बरुवा ने कहा कि कृृत्रिम बाढ़ के बाद की समस्याओं को दूर करने के लिए निर्देश दिए गए हैं कि पानी कम होने के बाद नालों की अच्छी तरह से सफाई की जाए, क्योंकि जमा हुई गाद जल निकासी की क्षमता को काफी कम कर देती है। नाले की सफाई और आपातकालीन बाढ़ प्रतिक्रिया की निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए वार्ड पार्षोदों, स्थानीय निवासियों और अधिकारियों सहित विशेष सार्वजनिक समितियां बनाई गई हैं। मंत्री बरुवा ने कहा कि हम तत्काल राहत और दीर्घकालिक प्रयासों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उल्लेखनीय है कि बैठक के दौरान जीएमसी मेयर मृगेन शरानिया, कामरूप (मेट्रो) के जिला आयुक्त सुमित सत्तावन, जीएमसी पार्षद, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
मंत्री अतुल बोरा ने पहलगाम हमले...
ने बाद में पत्रकारों से कहा कि वह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलेंगे और उस शोकाकुल परिवार का मामला उठाएंगे जिसने अपना एकमात्र कमाने वाला सदस्य खो दिया है। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) से मिलना चाहते थे, लेकिन वह शहर से बाहर हैं। बोरा ने कहा कि पूरी दुनिया ने आतंकी हमले की निंदा की है और इसके प्रतिशोध में नरेंद्र मोदी सरकार को व्यापक समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं और हमें मिलकर काम करना होगा। (भाषा)
असम में भाजपा सरकार को सत्ता, पैसा...
में गहराई तक लिप्त है। गुवाहाटी के आम लोगों की जरूरतों के बजाय अनियोजित निर्माण, भूमि हड़पना और ठेकेदार केंद्रित फ्लाईओवर प्राथमिकता बन गए हैं। असम की राजधानी में शुक्रवार को भारी बारिश के बाद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। भारी बारिश के कारण लगभग सभी सड़कें और कई रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए हैं। दो दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण सभी इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया है, जबकि कुछ जगहों पर तो इससे भी अधिक पानी भरा है। गोगोई ने कहा कि गुवाहाटी में भाजपा की नीति धन और जमीन के लालच पर आधारित है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा लंबे समय तक गुवाहाटी विकास मंत्री रहे। अब उनके करीबी सहयोगी मंत्री हैं, लेकिन भाजपा के मंत्रियों को जल निकायों के संरक्षण और जल निकासी व्यवस्था मजबूत करने से ज्यादा अपने घर तक जाने वाली सड़क की चिंता है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता ने आवास और शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ के आवास का जिक्र किया, जहां तक कंक्रीट की सड़क बनाने के लिए कथित तौर पर अतिक्रमण किया गया है। लोकसभा सदस्य ने कहा कि हम राज्य में एक-एक करके पूरे भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे। गुवाहाटी के विकास संबंधी विभिन्न विभागों में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार को भी आने वाले दिनों में उजागर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि असम में हाल में हुए पंचायत चुनावों में सभी विपक्षी दलों ने उम्मीदों से खराब प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों को अपने-अपने प्रदर्शन की समीक्षा करनी चाहिए और कांग्रेस भी ऐसा कर रही है। विपक्षी दलों में कांग्रेस सबसे शक्तिशाली है। विपक्षी मोर्चे को मजबूत करने के लिए हमें कांग्रेस को मजबूत करना होगा। इससे पहले दिन में गोगोई ने शिवसागर में वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात की और उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। (भाषा)
वायु सेना ने 14 लोगों को किया...
यह रेस्क्यू ऑपरेशन आज सुबह प्रारंभ किया गया,जब तिनसुकिया जिला आयुक्त स्वपनिल पॉल को शनिवार शाम को फंसे हुए लोगों की जानकारी मिली। जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए भारतीय वायु सेना से सहायता मांगी और अरुणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग घाटी जिले के अधिकारियों को भी रेस्क्यू समन्वय के लिए अलर्ट किया गया। ऑपरेशन की निगरानी सादिया के राजस्व चक्र अधिकारी जयदीप रजक की ओर से की गई। जिला आयुक्त स्वपनिल पॉल के अनुसार रेस्क्यू किए गए 14 व्यक्तियों में से 13 असम के तिनसुकिया जिले के निवासी हैं, जबकि एक अरुणाचल प्रदेश से है। सभी लोगों की हालत सुरक्षित है और उन्हें उनके घरों को भेज दिया गया है। यह ऑपरेशन न केवल प्रशासन की तत्परता, बल्कि भारतीय वायु सेना की कुशलता का भी प्रमाण है, जिसने समय रहते एक बड़ी मानवीय त्रासदी को टाल दिया।
मई में कुल जीएसटी संग्रह 16.4 प्रति....
से कुल जीएसटी राजस्व 13.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि आयात से जीएसटी संग्रह 25.2 प्रतिशत बढ़कर 51,266 करोड़ रुपए रहा। मई में कुल केंद्रीय जीएसटी राजस्व 35,434 करोड़ रुपए, राज्य जीएसटी राजस्व 43,902 करोड़ रुपए और एकीकृत जीएसटी संग्रह लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपए रहा। उपकर से राजस्व 12,879 करोड़ रुपए रहा। मई, 2024 में जीएसटी संग्रह 1,72,739 करोड़ रुपए रहा था। इस बीच, महीने के दौरान कुल रिफंड चार प्रतिशत घटकर 27,210 करोड़ रुपए रह गया। माह के दौरान शुद्ध जीएसटी संग्रह 20.4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ लगभग 1.74 लाख करोड़ रुपए रहा।डेलॉयट इंडिया के साझेदार एम एस मणि ने कहा कि राज्यों में जीएसटी संग्रह में वृद्धि में व्यापक आधार पर अंतर देखा जा रहा है। ऐसे में प्रत्येक राज्य में ऐसे क्षेत्रों का गहन विश्लेषण करने की जरूरत है, जो उसके लिए महत्वपूर्ण हैं। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों ने संग्रह में 17 प्रतिशत से 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों ने छह प्रतिशत तक की वृद्धि दिखाई है। मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में जीएसटी संग्रह में औसतन 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (भाषा)

एक ही घर से तीन लोगों को एनआईए...
मासूम युवकों को 'अंडर कवर एजेंट्स के जरिए अपनी जरूरती सूचना इकट्ठा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद एनआईए और स्पेशल फोर्सेज द्वारा झारखंड राज्यों से कम से कम 10 भारतीय जासूसों की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने असम में आईएसआई नेटवर्क के विस्तार के संदेह में शुवालकुची से शनिवार को एक बढ़ई को उसके बेटे और बेटी के साथ गिरफ्तार किया है। जरूरी औपचारिकताओं के बाद पिता, बेटे और बेटी की गिरफ्तारी की संभावना है। घटना मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र जालुकबाड़ी से सटे एक गांव में हुई। कहने की जरूरत नहीं कि शुवालकुची पहले जालुकबाड़ी निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा था, लेकिन निर्वाचन क्षेत्र के पुनर्निर्धारण के दौरान इसे जालुकबाड़ी निर्वाचन क्षेत्र से बाहर कर दिया गया। सीआरपीएफ ने हीरक कलिता, उसकी बहन रूपाली कलिता और उनके पिता निरेन कलिता को उनके घरों से सीआरपीएफ जवान मतिराम जाट के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसे सुरक्षा छापेमारी समेत संवेदनशील जानकारी मुहैया कराने के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। हीरक कलिता पाकिस्तानी 'जासूस मतिराम जाट के संपर्क में कैसे आया, यह रहस्य बना हुआ है। हीरक की बहन और पिता को यह सूचना मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया था कि हीरक कलिता ने मोिितराम जाट को मोबाइल सिम मुहैया कराया था। तीनों को एनआईए द्वारा मतिराम जाट से पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। एनआईए ने खुलासा किया है कि सीआरपीएफ जवान मतिराम जाट ने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारत की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी मुहैया कराई है। सीआरपीएफ जवान मतिराम जाट ने पैसों के बदले में भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारी, कई ऑपरेशनों का ब्योरा और महत्वपूर्ण स्थानों के फोटो-वीडियो सीधे पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी और आईएसआई के 'अंडरकवर एजेंटÓ को मुहैया कराए। मतिराम जाट से फोन नंबर और संपर्क प्रमाण प्राप्त करने के बाद, एनआईए ने शुवालकुची के हीरक कलिता सहित उसके परिवार के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया। हीरक का घर कामरूप जिले के शुवालकुची विकास क्षेत्र के पास बसंतपुर में है। एनआईए ने शनिवार के तड़के उसके साथ बहन और पिता बढ़ई निरेन कलिता को औचक अभियान में उसके घर से हिरासत में ले लिया। निरेन कलिता की पत्नी के अनुसार, टीम उनके बेटे हीरक कलिता की तलाश में आई थी और फिर उससे एक घंटे तक पूछताछ की। निरेन की पत्नी ने कहा कि वह कुछ भी समझ नहीं पाई क्योंकि उससे हिंदी में पूछताछ की गई थी। पूछताछ के बाद, निरेन कलिता, उसके बेटे हीरक कलिता और बेटी रूपाली कलिता को एनआईए की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। निरेन की पत्नी को भी समूह ने अपने साथ ले लिया और वह डर के मारे बेहोश हो गई और उसे छोड़कर चली गई। 'एनआईए टीम ने स्थानीय पुलिस या असम पुलिस को सूचित किए बिना छापेमारी की।
जोरहाट के सेना कैंप से संदिग्ध पाक...
आए व्यक्ति का नाम शमसुल इस्लाम बताया गया है। फिलहाल जोरहाट पुलिस शमसुल से मराथान पूछताछ कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना कैंप में वेल्डिंग का काम करने वाले शमसुल के आईएसआई के साथ संपर्क होने की गोपनीय जानकारी मिलने के बाद सेना ने उसे हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप दिया। जोरहाट पुलिस के एक उच्च अधिकारी के अनुसार उससे गहन पूछताछ की जा रही है और विभिन्न पहलुओं की जांच चल रही है। हालांकि, पुलिस ने अभी यह बताने से इनकार किया क उसका घर कहां है और वह कितने समय से सेना के कैंप में काम कर रहा था। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार शमसुल का धुबरी का मूल निवासी है और वह पिछले कुछ वर्षों से जोरहाट में रह रहा है। यहीं से उसने सेना के कैंप में वेल्डिंग का ठेका लिया। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक शमसुल पहले धुबड़ी, गुवाहाटी और अन्य स्थानों में आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। इसके बाद वह जोरहाट आया। अति-संवेदनशील और उच्च सुरक्षा वाली जगह पर कथित एक संदिग्ध आईएसआई एजेंट का पकड़ा जाना कापी महत्व रखता है। फिलहाल सेना और खुफिया एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। यह मामला सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर माना जा रहा है और आगे की जांच जारी है।
शिक्षा सेतु पोर्टल पर राज्य के...
करने के लिए कई प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार के शिक्षा विभाग इस मामले में आशानुरूप सफल नहीं हो पाया है। राज्य में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। समग्र शिक्षा, असम के एक कार्यविवरणी में इसका पर्दा फांस हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 71,316 छात्रों ने शिक्षा सेतु पोर्टल पर अपना चेहरा या फोटो अभी तक दर्ज नहीं हो सकी है। बीते 26 मई को समग्र शिक्षा ने अप्रैल 2024 से इस साल अप्रैल तक शिक्षा सेतु में शिक्षकों, छात्रों और अपर आईडी की उपस्थिति के संबंध में अतिरिक्त जिला आयुक्त (शिक्षा),जिला मिशन समन्वयक, स्कूल निरीक्षक और जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। समग्र शिक्षा, असम के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश के हस्ताक्षर किए गए बैठक के कार्यविवरणी के अनुसार राज्य में 71,315 विद्यार्थी शिक्षा सेतु पोर्टल में फोटो नहीं है। दूसरे शब्दों में इतनी बड़ी संख्या में छात्र स्कूल नहीं जा रहे हैं। कार्यविवरणी में सामने आया सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि 19,285 स्कूलों के हेडमास्टरों या प्रिंसिपलों ने आज तक शिक्षा सेतु के जरिए शैक्षणिक संस्थानों की बुनियादी संरचना की जानकारी जमा नहीं की है। इस बीच, यू डाइस-प्लस के अनुसार, प्रत्येक छात्र के पास अपर-आईडी नंबर होना आवश्यक है। हालांकि, राज्य के 365 स्कूलों ने अभी तक अपने छात्रों की अपर आईडी नहीं ली है। इन विस्फोटक तथ्यों के जरिए राज्य में शिक्षा विभाग के असली खोखलेपन को उजागर कर दिया है। कार्यविवरणी में असम में उच्चतर माध्यमिक स्तर में आनुपातिक नामांकन दर बहुत खराब होने की बात कही गई है। केंद्रीय शिक्षा विभाग द्वारा 2023-24 के लिए जारी यूडीआईएस (शिक्षा के लिए एकीकृृत जिला सूचना प्रणाली) रिपोर्ट के अनुसार असम में देश के राज्यों में तीसरे सबसे ज्यादा बीच में स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थी है। रिपोर्ट के मुताबिक अखिल भारतीय स्तर पर प्राथमिक विद्यालय में बीच में स्कूल छोड़ने वाले विद्याॢथयों की दर 1.9 प्रतिशत की अपेक्षा असम की दर 6.2 प्रतिशत है। इस बीच, उच्च प्राथमिक स्तर पर अखिल भारतीय स्तर की दर 5.2 के विपरीत असम में इसकी दर 8.2 प्रतिशत है। माध्यमिक स्तर पर बीच में स्कूल छोड़ने वाले विद्याॢथयों की अखिल भारतीय दर 14.1 प्रतिशत है , इसके विपरीत असम में यह दर 19.46 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, प्राथमिक स्कूल स्तर पर बीच में स्कूल छोड़ने वाले विद्याॢथयों की दर के मामले में असम का स्थान बिहार और राजस्थान के बाद में ही है। बिहार में यह दर 13.69 प्रतिशत और राजस्थान में 7.08 प्रतिशत है। माध्यमिक विद्यालय छोड़ने की दर के मामले में असम बिहार और लद्दाख के बाद में है। बिहार में यह दर 13.69 प्रतिशत और लद्दाख में 20.1 प्रतिशत है। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि बुनियादी ढांचे के मामले में असम की स्थिति खराब है। राज्य के 780 स्कूलों को बिजली से नहीं जोड़ा गया है। 3,336 स्कूलों में छात्रों के लिए न्यूनतम पानी की आपूर्ति नहीं है। इसी तरह, 7,709 स्कूलों में शौचालय नहीं हैं और 6,558 स्कूलों में शौचालय नहीं हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी में इन प्रगति के बावजूद, असम के 18,167 स्कूलों में कंप्यूटर की सुविधा नहीं है। इंटरनेट की स्थिति तो और भी खराब है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 31,140 स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्य के 2,633 स्कूल अभी भी केवल एक शिक्षक के सहारे पढ़ाई करा रहे हैं। इन स्कूलों में छात्रों की संख्या 92,888 है। वहीं, राज्य के 10,444 स्कूलों में खेल के मैदान नहीं हैं।