2केंद्र के निर्देश के बाद निष्कासन के लिए सभी जिलों को सख्त निर्देश 2असम पुलिस का अभियान तेज, जगह-जगह छापेमारी 2एआईयूडीएफ ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता

गुवाहाटी : संदिग्ध बांग्लादेशियों के खिलाफ असम पुलिस का अभियान तेज हो गया है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को 30 दिनों के भीतर भारत में अवैध रूप से शरण लेने  वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश के बाद असम सरकार ने बांग्लादेशियों को निर्वासित करने के लिए कमर कस ली है। केंद्र के इस संदेश के बाद असम पुलिस पूरे राज्य में बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ छापेमारी कर रही है। असम पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार पूरे राज्य में अभियान चलाया जा रहा है। डीजीपी कार्यालय ने प्रत्येक जिले के पुलिस अधीक्षकों को संदिग्ध बांग्लादेशियों की सूची तैयार करने और अभियान को तेज करने का निर्देश दिया है। इस बीच गृह विभाग द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों की बांग्लादेशी नागरिकता साबित होने के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बजाए उन्हें सीधे बीएसएफ को सौंप देने और सीमा पार करने का भी आदेश दिया गया है। देश की पुलिस शनिवार रात से ही विभिन्न जिलों में 5,000 से अधिक संदिग्धों की नागरिकता की जांच कर रही है। मोरीगांव से गिरफ्तार किए गए प्राथमिक शिक्षक खैरुल इस्लाम समेत 14 बांग्लादेशी नागरिकों को मनकाचर सीमा पार बांग्लादेश भेजा गया है। यहां उल्लेखनीय है कि बांग्लादेशियों को वापस भेजने की प्रक्रिया लंबे समय तक जारी रहेगी। भाजपा आगामी 2026 विधानसभा चुनावों में बांग्लादेशियों के निर्वासन को चुनावी मुद्दा बनाने की भी योजना बना रही है। एक शीर्ष पार्टी सूत्र ने बताया कि भाजपा सरकार ने चुनाव तक बांग्लादेशियों के खिलाफ कई अभियान चलाकर विदेशियों को निष्कासित करने का श्रेय लेकर चुनावी अंतर को पाटने की रणनीति भी तैयार की है। गौरतलब है कि भाजपा इस बार विदेशियों के निष्कासन को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है, जैसा कि उसने पिछले दो चुनावों में सरायघाट की लड़ाई और मुगलों के वंशजों के साथ किया था। भाजपा को भाषाई अल्पसंख्यक हिंदू बंगालियों के साथ-साथ स्वदेशी समुदायों का समर्थन मिलने की उम्मीद है, क्योंकि निर्वासन आंदोलन केवल मुस्लिम अल्पसंख्यकों को लक्षित कर रहा है। भाजपा सरकार की योजनाओं को लेकर एआईयूडीएफ भी सक्रिय हो गया है। इसके समानांतर, कुछ मुस्लिम राजनीतिक संगठनों ने बांग्लादेशी होने के संदेह में आम नागरिकों को परेशान करने के सरकार के विरोध का विरोध किया है तो कई अन्य जातीय समूहों ने सरकार के विदेशी विरोधी अभियान का खुलकर समर्थन किया है। सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार बांग्लादेशियों के निष्कासन के मुद्दे का इस्तेमाल करके स्वदेशी लोगों से वोट जीतने की उम्मीद कर रही है। इस बार चुनाव में विदेशी लोगों को अपना मुख्य हथियार बनाया है। इस बीच बुधवार को सरकार पर बांग्लादेशी होने के संदेह में भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार करने और उन्हें परेशान करने का आरोप लगाते हुए एआईयूडीएफ विधायक दल के नेता तथा प्रशासनिक महासचिव हाफिज बशीर अहमद कासिमी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। एआईयूडीएफ ने राज्यपाल से विदेशी पहचान के नाम पर गरीब मुस्लिम नागरिकों को पुलिस द्वारा परेशान किए जाने को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की भी मांग की। इस बीच एबीएमएस ने बुधवार को परबतझोरा को देवीतला बाजार में धरना दिया और भाजपा सरकार पर बांग्लादेशियों के नाम पर भारतीय नागरिकों को परेशान करने का आरोप लगाया। राज्य में कई मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों ने पुलिस और भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। इस बीच मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बरपेटा, धुबड़ी, नगांव और मोरीगांव जैसे संवेदनशील अल्पसंख्यक क्षेत्रों में स्वदेशी लोगों को पिस्तौल के लाइसेंस जारी करने का फैसला किया गया। भाजपा सरकार विदेशी विरोधी अभियान को 1983 के निष्कासन आंदोलन का रूप देकर एक राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।  कुछ दिनों में स्वदेशी संगठनों की तरह भाजपा के नेता और मंत्री भी नारे लगाएंगे - आओ, बाहर आओ, भगाओ-भगाओ बांग्लादेशियों को।

नो मैन्स लैंड में निष्कासित बांग्लादेशियों... 

है कि बीएसएफ ने मंगलवार को सुबह 4 बजे दक्षिण शालमारा मनकाचर में ठाकुरनबाड़ी सीमा द्वार से 14 संदिग्धों को बांग्लादेश भेज दिया था जिसके बाद दोनों देशों के सीमा रक्षकों ने युद्धकालीन स्थिति बन गई। बांग्लादेश में बीजीबी ने भारत से वापस भेजे गए बांग्लादेशी नागरिकों को अपने नियंत्रण में लेने से इनकार कर दिया जिसके कारण अब सीमा पर तनावपूर्ण माहौल है। बीएसएफ ने बुधवार को लालमोनिरहाट के आदितमारी, हाथीबांधा और पटग्राम उप-जिलों में असम से आठ महीने के एक बच्चे सहित कई लोगों को सीमा पार कराया जिसके बाद बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड के जवानों के साथ बीएसएफ के साथ एक तरह से टकराव की स्थिति पैदा हो गया। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को बीएसएफ और बीजीबी कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग भी हुई। बीजीबी के अनुसार बीएसएफ ने बुधवार को आदितमारी में दुर्गापुर चौरातारी सीमा के पार 13 लोगों को, हाथीबांधा में चारदुबी सीमा के पार 16 लोगों को, गोटामारी सीमा के पार 6 लोगों को, सिंधुना यूनियन के पार 2 लोगों को, पटग्राम सीमा के पार 5 लोगों को और धबलगुड़ी सीमा के पार 5 लोगों को नो मैन्स लैंड भेज दिया। बुधवार शाम तक नागरिक सीमा पर नो मैन्स लैंड में ही रहे। बीजीबी का दावा है कि कंटीली तार को पार कर भेजे गए सभी लोग असम के निवासी हैं। हालांकि लालमोनिरहाट में 15 बीजीबी बटालियन कमांडर स्तर की बैठक में बीएसएफ ने कहा कि वे लोग बांग्लादेशी नागरिक हैं। हालांकि, बीजीबी ने कहा कि बांग्लादेश उचित दस्तावेजों और नागरिकता के प्रमाण के बिना संबंधित व्यक्तियों को स्वीकार नहीं करेगा। परिणामस्वरूप, फ्लैग मीटिंग अधूरी रही और असहाय नागरिक नो मैन्स लैंड में फंसे रहे। 

मिजोरम के राज्यपाल वीके सिंह ने मुख्यमंत्री...

विकास, शासन और राष्ट्रीय हितों पर चर्चा की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मुख्यमंत्री शर्मा की असम के विकास के लिए प्रतिबद्धता प्रशंसनीय है। उन्हें जनसेवा में निरंतर सफलता प्राप्त करने की शुभकामनाएं देता हूं। इस बीच, मुख्यमंत्री शर्मा ने राज्यपाल आचार्य से भी अलग से मुलाकात की और उन्हें राज्य सरकार द्वारा लोगों के उत्थान और विकास को गति देने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी। शर्मा ने एक्स पर लिखा कि राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात एक सौभाग्य है। मैंने उन्हें राज्य में चल रही विभिन्न पहलों की जानकारी दी, जिनका उद्देश्य लोगों के जीवन में सुधार लाना और समग्र विकास को प्रोत्साहित करना है। 

गोगोई की पीएम पर टिप्पणी पूर्वोत्तर... 

ने कहा कि जोरहाट से लोकसभा सदस्य गोगोई ने एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री और पूर्वोत्तर के बारे में कुछ अपमानजनक और अत्यंत अपमानजनक टिप्पणियां कीं। गोगोई ने संवाददाता सम्मेलन में कथित तौर पर कहा था कि उन्होंने कहीं पढ़ा था कि मोदी ने चीन का जिक्र करते हुए चीन के लोगों की शारीरिक विशेषताओं को हल्के में लिया था, खासकर उनकी आंखों की बनावट और आकार को लेकर। गोगोई ने कहा कि मैं माननीय प्रधानमंत्री को बताना चाहता हूं कि जब पूर्वोत्तर से युवा पुरुष, महिलाएं, लड़के और लड़कियां भारत के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं, तो अक्सर उन्हें उन्हीं शारीरिक बनावट के कारण चिढ़ाया जाता है। इस तरह की भाषा केवल उत्पीड़न को बढ़ाती है और पूर्वोत्तर के लोगों को चिढ़ाने और उनका मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इन मामलों पर संवेदनशील होना चाहिए, क्योंकि इन मामलों ने पूर्वोत्तर के युवाओं को काफी आघात पहुंचाया है। सोनोवाल ने कांग्रेस सांसद की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके (गोगोई के) शब्द न केवल राजनीति से प्रेरित हैं, बल्कि वे इस क्षेत्र के लोगों के गौरव और आकांक्षाओं का अपमान हैं। सोनोवाल ने कहा कि गोगोई को यह याद रखना चाहिए कि जिस असमिया 'गामोछा को वह गर्व के साथ पहनते हैं, उसे असम के लोगों की परंपराओं को सम्मान देने और प्रदर्शित करने के अथक प्रयासों के माध्यम से स्वयं मोदी ने संस्कृति और गरिमा के वैश्विक प्रतीक के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने दावा किया कि छह दशकों से अधिक समय तक कांग्रेस ने पूर्वोत्तर को जान-बूझकर उपेक्षित और अलग-थलग रखा। सोनोवाल ने कहा कि आज ऐसी घृणित टिप्पणी करके उसने एक बार फिर अपना असली चेहरा दिखाया है। मैं गौरव गोगोई के बयान की कड़ी निंदा करता हूं और मांग करता हूं कि वह पूर्वोत्तर के लोगों से बिना शर्त माफी मांगें। 

धुबड़ी में अब तक 22 संदिग्ध बांग्लादेशी...

व्यापक स्तर पर धर-पकड़ अभियान छेड़ रखा है, इसी के तहत धुबड़ी पुलिस की टीम ने धुबड़ी के विभिन्न हिस्सों में आज तड़के अभियान चलाकर अब तक 22 संदिग्ध नागरिकों को हिरासत में लिया है। इन सभी को शहर के बी एन कालेज पुलिस चौकी में रखा गया है जहां इनसे पूछताछ की जा रही है। इधर संदिग्ध नागरिकों की गिरफ्तारी के पश्चात पुलिस चौकी के बाहर आज सुबह से ही इनके रिश्तेदारों व अन्य आम लोगों की भीड़ जमा हो गई, जो इन गिरफ्तारी का विरोध कर रही थी। विरोध कर रहे इन लोगों ने वहां मीडिया के समक्ष सरकार व पुलिस पर जमकर अपनी खीझ उतारी तथा आरोप लगाया कि बांग्लादेशी के नाम पर गिरफ्तार नागरिकों में कई ऐसे हैं जिनके पास वोटर कार्ड, आधार कार्ड सभी दस्तावेज है। वहीं कई ऐसे हैं जिन्हें उच्च न्यायालय से जामीन मिली हुई है। इन लोगों का आरोप है कि असम पुलिस ने मध्य रात्रि के पश्चात बिना किसी पूर्व सुचना के अचानक से  जिस तर्ज पर इन्हें हथकड़ी लगाकर ले गई, मानों वे कोई बड़े  डकैत अपराधी है। 

साइबर अपराधी बैंक खातों से उड़ा रहे...

के तहत और बिना उनकी जानकारी के किसी और के खाते मे ट्रांसफर कर दिए गए। जब इस बात की शिकायत बैंक अधिकारियों से की गई तो उन्होंने टालमटोल का गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए किसी प्रकार का संतोषजनक उत्तर नहीं दिया और एक फुटबाल की तरह इधर से उधर दौड़ाते रहे। आखिरकार काफी भागदौड़ के बाद मौखिक रूप से उन्होंने बताया कि ये रूपए स्टेट बैंक के आरटीएमटी क्रेडिट सॢवसेज निधि लिमिटेड  के खाते मे ट्रांसफर किये जा चुके है। साइबर क्राइम 1930 पर शिकायत दर्ज कराने के बाद उक्त खाते को ब्लॉक कर दिया गया है। इसके अलावा  बैंक से किसी भी प्रकार का जिम्मेदाराना जवाब  नहीं देना भी काफी संदेहजनक स्तिथि उत्पन्न करता है। फिलहाल तेजपुर पुलिस ने पुलिस केस नंबर 360/25 धारा 318(4)/316(3) बीएनएस  रजिस्टर करते हुए जांच शुरू कर दी है।

एससी का 171 पुलिस मुठभेड़ का असम...

कहा कि हालांकि कुछ विशिष्ट मामलों का विस्तृत मूल्यांकन किया जाना चाहिए। याचिका में मई 2021 से अगस्त 2022 के बीच असम में 171 से अधिक पुलिस मुठभेड़ की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता आरिफ मोहम्मद यासीन जवादर द्वारा मुठभेड़ की जांच के संबंध में 2014 में निर्धारित अदालती दिशा-निर्देशों का कथित रूप से पालन न करने के लिए चिह्नित किए गए कई मामलों में से अधिकांश तथ्यात्मक रूप से गलत प्रतीत होते हैं। न्यायालय ने कहा कि कुछ मामलों को छोड़कर, यह निष्कर्ष निकालना कठिन है कि दिशा-निर्देशों का घोर उल्लंघन हुआ है। पीठ ने कहा कि हम इस मामले को स्वतंत्र व शीघ्रता से आवश्यक जांच के लिए असम एचआरसी को सौंपते हैं। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पीड़ितों और परिवार के सदस्यों को उचित अवसर मिले। पीठ ने आयोग को निर्देश दिया कि वह गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए पीड़ि़तों के दावे स्वीकारने को लेकर एक सार्वजनिक नोटिस जारी करे। शीर्ष न्यायालय ने फर्जी मुठभेड़ों के आरोपों की आगे की जांच शुरू करने के लिए एएचआरसी को स्वतंत्रता प्रदान की तथा असम सरकार से सहयोग करने तथा जांच प्रक्रिया में किसी भी संस्थागत बाधा को दूर करने को कहा। न्यायालय ने असम में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों और 2014 के दिशानिर्देशों का पालन न करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर 25 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।



असम, मेघालय में अवैध कोयला खनन ...

अप्रैल में ईडी ने मेघालय और असम राज्यों में जादिगिट्टिम, नोंगलबिबरा, जोगीघोपा (बंगाईगांव), मार्घेरिटा (तिनसुकिया) और गुवाहाटी में छापे मारे। छापामारी के बाद ईडी ने इस मामले में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अवैध कोयला खनन के सिंडिकेट की जानकारी दी। यह गिरोह खदान मालिकों से कमीशन, संरक्षण के नाम पर प्रति ट्रक 1.27 लाख से 1.5 लाख रुपए नकद लेता था। गोगोई के अनुसार, इस साल जनवरी में राज्य और केंद्र सरकार असम के उमरंागसो में फंसे हुए 'रैट होल माइनिंग के श्रमिकों को बचाने में करीब 40 दिन तक जुटी रही। उन्होंने कहा कि जनवरी के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल बनाकर जांच की तो पता चला कि असम में करीब 245 अवैध रैट होल माइनिंग चल रही हैं। बाद में सरकार ने बताया कि इन सब को बंद कर दिया गया है। हमने इस फैसले का स्वागत किया। गोगोई का कहना था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में रैट होल माइनिंग की बात सामने आई तो सवाल उठता है कि आखिर किसकी छत्रछाया में ये सब चल रहा था? उन्होंने सवाल किया, क्या ईडी की कार्रवाई सिर्फ डेढ़ करोड़ कैश जब्त करने तक ही सीमित थी? ईडी की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में कोई जांच क्यों नहीं की? इस मामले में केंद्र सरकार ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया? कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम अवैध कोयला खनन के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं, क्योंकि ये दो राज्यों का सवाल है।

अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में मूल निवासियों...

का लाइसेंस मांग रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने यह लाइसेंस जारी करने की हिम्मत नहीं की। चूंकि राज्य में अब बांग्लादेशियों को वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए अल्पसंख्यकों के इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोगों को सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और इसलिए अगर उन्हें बंदूक रखने का लाइसेंस दिया जाता है तो वे हिम्मत से रह सकते हैं। अगर इन लोगों को असम आंदोलन के दौरान बंदूक का लाइसेंस दिया गया होता, तो शायद इनमें से कई लोगों को अपनी जमीन नहीं बेचनी पड़ती। डीसी तय करेंगे कि दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्र कौन से होंगे। हाथीगांव में गुवाहाटी भी संवेदनशील क्षेत्र हो सकता है। हालांकि, निष्कासन रिकॉर्ड वाले लोगों को हथियार का लाइसेंस नहीं मिलेगा। सरकार का निर्देश आज से ही लागू होगा। उल्लेखनीय है कि कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि सरुसजाई खेल परियोजना का नाम अर्जुन भोगेश्वर बरुवा के नाम पर रखा जाएगा। एसआईआरडी का नाम बदलकर गोलाप बरुवा राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के नाम रखा जाएगा। इसी तरह मंगलदै स्थित जिला स्टेडियम का नाम राजा धर्म नारायण के नाम पर रखा जाएगा। कार्बी आंग्लांग की धाराकुजी में ग्रीनको 900 मेगावाट का ऑफस्टीम पंपड स्टोरेज पावर प्लांट लगाएगी। कंपनी इस परियोजना पर 6,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। मंत्रिमंडल ने आज परियोजना के लिए भूमि आवंटित की। 

गौरव की पत्नी ने पाकिस्तान एजेंसी के...

व्यक्ति जरूर है। यह बहुत गंभीर आरोप है। मेरे पास यह साबित करने के लिए दस्तावेज हैं कि उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न विभिन्न खुफिया रिपोर्ट एकत्र करने में शामिल थीं। शर्मा ने कहा कि वह जलवायु लॉबी के लिए काम करती हैं और पाकिस्तान के साथ उनके घनिष्ठ संबंध थे। गोगोई के बारे में बात करते हुए शर्मा ने आरोप लगाया कि वह एक पाकिस्तानी एजेंट हैं। उनका पूरा रिश्ता पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ था... उन्होंने 2017-18 तक यह संबंध बनाए रखा। वहीं 'एक्सÓ पर एक पोस्ट में  मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने बुधवार को दावा किया कि ऐसी विश्वसनीय जानकारी मिली है जो कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई की पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ 'निकटता का संकेत देती है। शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान यात्रा करने के बारे में उनकी (गोगोई) स्वीकारोक्ति 'कुछ बहुत गंभीरÓ चीज की 'केवल शुरुआत है। पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ कथित संबंधों के दावों को खारिज करते हुए गोगोई ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह 12 साल पहले केवल एक बार पाकिस्तान गए थे। शर्मा ने 'एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आखिरकार, कांग्रेस सांसद श्री गौरव गोगोई ने स्वीकार कर लिया कि उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया था, लेकिन हम बहुत स्पष्ट हैं- यह केवल शुरुआत है, अंत नहीं। आगे जो होने वाला है वह कहीं अधिक गंभीर है। विश्वसनीय जानकारी और दस्तावेजों में निहित सूचना द्वारा समर्थित हर उचित आधार मौजूद है, जो यह संकेत देता है कि श्री गोगोई ने पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ 'निकटताÓ बनाए रखी है। उन्होंने कहा कि असम सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्ध है और विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा व्यापक जांच पूरी करने के बाद 10 सितंबर को सब कुछ सार्वजनिक कर दिया जाएगा। शर्मा ने गोगोई को राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि असम और देश के लोग सच जानने के हकदार हैं, और उन्हें यह हक पूरी तरह से मिलेगा, लेकिन जान-बूझकर हमारे देश के सार्वजनिक जीवन में ऐसे खतरनाक और समझौतावादी व्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए लोग कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को न भूलेंगे और न ही माफ करेंगे। कांग्रेस के 24, अकबर रोड स्थित कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गोगोई ने पूछा कि यदि कोई गड़बड़ी हुई थी तो केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने पिछले 11 वर्षों में कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने दावा किया कि शर्मा कांग्रेस नेतृत्व के मन में उनकी विश्वसनीयता को लेकर संदेह पैदा करने के इरादे से ये आरोप लगा रहे थे, लेकिन उनकी मंशा को नाकाम कर दिया गया है। गोगोई ने कहा कि आरोप लगाए जा रहे हैं और मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि राज्य के लोगों को गुमराह नहीं किया जा रहा है। करीब 14-15 साल पहले मेरी पत्नी, जो सार्वजनिक नीति के क्षेत्र की जानी-मानी विशेषज्ञ हैं, ने दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित एक अंतर्राष्ट्रीय परियोजना पर काम किया था। वर्ष 2012-13 के आसपास भारत लौटने से पहले उन्होंने एक साल पाकिस्तान में बिताया था। 

चेन्नई क्राइम ब्रांच ने असम समेत...

रहेे हैं। सूचना मिलने के बाद चेन्नई क्राइम ब्रांच का चार सदस्यीय जांच दल असम पहुंचा। शिकायत है कि निहार कथित तौर पर धोखाधड़ी से पैसे निकालने के नाम पर हैकर्स से 30 प्रतिशत पैसा वसूलता था। हैकर्स ने ग्राहक के मोबाइल फोन पर लिंक भेजकर बैंक खाते की जानकारी जुटाई और खाते से पैसे निकाल लिए। निहार पर पहले भी कई आपराधिक घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। चेन्नई क्राइम ब्रांच ने नेहार के लैपटॉप और बैंक पासबुक समेत कई दस्तावेज जब्त किए। पता चला है कि जमुनामुख के रामीम अहमद नामक एक साइबर अपराधी इस कांड  का मास्टरमाइंड है। फिलहाल रामीम अहमद फरार है। इस घटना में निहार के साथ उसके दामाद भी शामिल हैं। निहार रंजन के दामाद को गुवाहाटी में गिरफ्तार किया गया। क्राइम ब्रांच ने बताया कि गिरोह ने चेन्नई में जगदीश नामक ग्राहक के खाते से मोबाइल लिंक के जरिए 4,05,100 रुपए निकाल लिया था। इसके अलावा उन्होंने तमिलनाडु में कई ग्राहकों को लिंक भेज कर करोड़ों रुपए की उगाही के आरोप में चेन्नई क्राइम ब्रांच असम के विभिन्न हिस्सों में हैकरों के खिलाफ छापेमारी कर रही है चेन्नई क्राइम ब्रांच में 420 आईपीसी और आरडब्ल्यू सेक्शन 66 आईटी एक्ट के तहत दर्ज 6/23 नंबर के मामले में निहार रंजन को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच ने आनंद विश्वास, रीता विश्वास और ताजुल इस्लाम को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया था। हालांकि पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।  निहार रंजन को तमिलनाडु क्राइम ब्रांच ने होजई कोर्ट से अस्थायी रिमांड पर ले लिया। इस घटना में पांच राज्यों के हैकर शामिल होने के कारण तमिलनाडु क्राइम ब्रांच सभी को एक साथ रखते हुए जांच जारी रखना चाहता है। 

फ्रांस सहित कई देशों ने आतंकवाद के ...

वहीं इंडोनेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को सभी संभावित मंचों पर अपना समर्थन देने की बुधवार को प्रतिबद्धता जताई। इंडोनेशिया ने यह समर्थन तब दिया जब जद (यू) सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ नई दिल्ली के स्पष्ट रुख से अवगत कराने के उद्देश्य के साथ यहां पहुंचा। जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास ने 'एक्स पर पोस्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया के विदेश उपमंत्री आरिफ हवास ओग्रोसेनो से मुलाकात की और बताया कि  पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हमला शांति के माहौल को बाधित करने और समुदायों के बीच दरार पैदा करने का एक प्रयास था । इसने कहा कि इंडोनेशियाई पक्ष ने आतंकवादी कृत्यों की निंदा की तथा सभी संभावित मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में (भारत के) समर्थन का वादा किया। प्रतिनिधिमंडल ने यहां मुख्यालय में दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ (आसियान) महासचिव काओ किम होर्न से भी मुलाकात की। दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका ने भी आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की भारत की नीति का समर्थन जताया है। भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां 350 से अधिक प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया और पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक बताया। मंगलवार शाम को जोहानिसबर्ग पहुंचने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय नागरिकों और स्थानीय समुदाय से वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्भीक लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया।  

मोदी सरकार ने 14 फसलों का समर्थन...

 दिया गया है। दालों में अरहर का समर्थन मूल्य 450 रुपए बढ़ाकर 8,000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि उड़द का एमएसपी 400 रुपए बढ़ाकर 7,800 रुपए प्रति क्विंटल और मूंग का एमएसपी 86 रुपए बढ़ाकर 8768 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड के लिए की गई है, इसके बाद रागी, कपास और तिल का स्थान आता है।  2025-26 के लिए खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई है।  वहीं सरकार ने बुधवार को संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) को 2025-26 के लिए जारी रखने को मंजूरी दे दी, जिसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से सस्ती दर पर अल्पकालिक ऋ ण मिलता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मौजूदा 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता के साथ वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एमआईएसएस को जारी रखने का निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया। इस योजना को जारी रखने से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। 

मारा गया इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन 

नेतन्याहू ने दी हमास नेता मोहम्मद सिनवार की मौत की पुष्टि 
तेल अवीव: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को पुष्टि की कि हमास प्रमुख मोहम्मद सिनवार 13 मई को इजरायली सेना (आईडीएफ) के हवाई हमले में मारा गया है। इससे पहले मई के मध्य में इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने देश की संसद नेसेट के विदेश मामलों और रक्षा समिति को बताया था कि सिनवार के मारे जाने के संकेत बढ़ रहे हैं। कैट्ज के इस बयान के ठीक पहले इजरायली सेना ने बताया था कि सिनवार का शव उनके लगभग एक दर्जन सहयोगियों के साथ मिला है, जिसमें सिनवार का संभावित उत्तराधिकारी और राफा ब्रिगेड के प्रमुख मोहम्मद शबाना भी शामिल है। द जेरूसलम पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि हमास के दो शीर्ष नेता मोहम्मद सिनवार और मोहम्मद शबाना एक साथ थे, जिससे यह अत्यधिक संभावना है कि दोनों मर चुके हैं। पिछले दो हफ्तो से आधिकारिक तौर पर उन्हें मृत घोषित करने में संयम के बावजूद, आईडीएफ सूत्रों ने पहले ही द जेरूसलम पोस्ट को बता दिया था कि उनके मरने की बहुत संभावना है, और कैट्ज़ ने भी हाल के दिनों में पहले ही यही संकेत दिया था।