पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता गुवाहाटी : मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने शुक्रवार को मेघालय के री-भोई जिले के उमसाव गांव में उत्तर पूर्वी पुलिस अकादमी (नेपा) में 70 पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी)के दीक्षांत परेड में भाग लिया। दीक्षांत परेड में मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि उनके पदभार संभालने के बाद से वर्तमान राज्य सरकार ने असम को बदलने का निर्णायक लक्ष्य अपनाया है जहां अपराध न्यूनतम हो और नागरिक राज्य की प्रगति में सक्रिय रूप से योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ असम पुलिस द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के कारण अपराध दर में काफी गिरावट आई है। अपराध मुक्त और नशा मुक्त राज्य के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के समन्वय में असम पुलिस सभी प्रकार के अपराध और उनकी अभिव्यक्तियों से निपट रही है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि पुलिस बल ने अपराधियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जिससे यह कड़ा संदेश गया है कि राज्य में व्यवधान के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने परिवीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि डीएसपी पुलिस के रैंक और फाइल को जमीनी स्तर पर नेतृत्व देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कानून और व्यवस्था बनाए रखने में उनका बड़ा योगदान होता है।उन्होंने उनसे पेशेवर उत्कृष्टता,निष्ठा और ईमानदारी के उच्चतम मानक को बनाए रखने के लिए भी कहा, जो उन्हें समाज, सरकार और उनके द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद करेगा। असम पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर 2020 में 349 से घटकर 2024 में 139 हो गई है। चार्जशीट दर 47.8 प्रतिशत से बढ़कर 66.7 प्रतिशत हो गई है, जबकि 2024 में दोषसिद्धि दर बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध 2020 में 26,352 मामलों से घटकर 2024 में 5,555 हो गए हैं। बाल विवाह अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के कारण केस रजिस्ट्रेशन में काफी वृद्धि हुई है, जो 2020 में 138 मामलों से बढ़कर 2023 में 5,498 हो गई है। डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि असम पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी पर लगातार कार्रवाई की है। नतीजतन, 2020 से अब तक 2,885 करोड़ रुपए की नशीली दवाएं जब्त की गई और एक हजार बीघा से अधिक भांग और अफीम की खेती को नष्ट किया गया है। अकेले 2024 में असम पुलिस ने नशीली दवाओं से संबंधित 3323 मामले दर्ज किए, जो नशीले पदार्थों के खिलाफ अपने दृढ़ रुख को रेखांकित करता है। 70 डीएसपी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपा में 54वें बेसिक कोर्स के समापन पर पासिंग आउट परेड अधिकारी प्रशिक्षुओं के जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि नेपा में किया गया कठोर प्रशिक्षण निश्चित रूप से अधिकारियों को असंख्य चुनौतियों का सामना करने के लिए पेशेवर रूप से सक्षम बनने में मदद करेगा। उन्होंने इस अवसर पर पुलिसिंग के भविष्य को आकार देने में उनके समर्पण के लिए नेपा के निदेशक दानेश राणा, इनडोर और आउटडोर संकाय सदस्यों और पूरे नेपा बिरादरी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रशिक्षुओं में पैदा किए गए अभ्यास और अनुशासन निस्संदेह उन्हें समाज की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सशक्त बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल सभी नागरिकों में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डॉ. शर्मा ने प्रशिक्षु अधिकारियों से पुलिस सेवा के नए सदस्यों के रूप में समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने इस अवसर पर प्रशिक्षु अधिकारियों से पुलिस और जनता के बीच बंधन को मजबूत करने के लिए सहानुभूति और मानवीय दृष्टिकोण के साथ काम करने का आह्वान किया। उल्लेखनीय है कि 1978 में अपनी स्थापना के बाद से नेपा के बुनियादी पाठ्यक्रमों ने पांच हजार से अधिक डीएसपी और सब-इंस्पेक्टर को प्रशिक्षित किया है। अकेले असम में 2016 से एक हजार से अधिक डीएसपी, कैडेट सब-इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर को प्रशिक्षण दिया गया है। 2 अप्रैल, 2024 से शुरू हुए 54वें बुनियादी पाठ्यक्रम में 70 डीएसपी थे, जिनमें से 62 असम से और शेष आठ मिजोरम से हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अशोक सिंघल, नेपा निदेशक दानेश राणा, असम पुलिस के डीजीपी हरमीत सिंह सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।