बैंकॉक : म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में शुक्रवार को शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें इमारतें, एक पुल और एक बांध नष्ट हो गया। म्यांमार में कम से कम 144 लोग मारे गए और 730 घायल हो गए, जहां दो सबसे अधिक प्रभावित शहरों से प्राप्त तस्वीरों और वीडियो में भारी नुकसान दिखाई दे रहा है। म्यांमा के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास केंद्र वाले 7.7 तीव्रता वाले भूकंप ने दोपहर में दस्तक दी और उसके बाद 6.4 तीव्रता का एक शक्तिशाली आफ्टरशॉक आया। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में निर्माणाधीन एक बहुमंजिला इमारत ढह गई।  म्यांमार ने भूकंप की वजह से छह क्षेत्रों और राज्यों में आपातकाल की घोषणा कर दी है।  दोपहर में आए भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के निकट था। मुख्य झटके के बाद भी 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका महसूस किया किया।  म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख ने शुक्रवार शाम को टेलीविजन पर दिए गए भाषण में कहा कि कम से कम 144 लोग मारे गए और 730 अन्य घायल हुए। सरकार ने राजधानी नेपीता और मांडले सहित छह क्षेत्रों और राज्यों में आपातकाल की घोषणा कर दी है। हालांकि, देश में लंबे समय से चल रहे हिंसक गृहयुद्ध के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि प्रभावित क्षेत्रों तक सहायता कैसे पहुंचेगी। रेड क्रॉस ने कहा कि बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से मांडले और सागाइंग क्षेत्रों तथा दक्षिणी शान राज्य तक पहुंचने की कोशिश कर रही उनकी टीमों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रेड क्रॉस ने कहा कि शुरुआती जमीनी खबरों से संकेत मिल रहा है कि भूकंप से काफी नुकसान हुआ है। मानवीय सहायता को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। बैंकॉक में भूकंप की वजह से एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत के ढहने से धूल का विशाल गुबार उठता दिखा। उस समय इमारत पर क्रेन लगी थी।  बचावकर्मी सोंगवुत वांगपोन ने संवाददाताओं को बताया कि बैंकॉक में एक निर्माण मजदूर की तब मौत हो गई, जब ढहती इमारत का मलबा उसके ट्रक पर गिरा, जबकि एक अन्य मजदूर मलबे के नीचे दब गया। रक्षा मंत्री फुमथाम वेचायाचाई ने बताया कि घटनास्थल पर कुल तीन लोगों की मौत हो गई और 90 लोग लापता हैं। उन्होंने चल रहे बचाव प्रयासों के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी, लेकिन मदद के लिए सबसे पहले पहुंचे लोगों ने बताया कि ढही हुई इमारत के बाहर से अब तक सात लोगों को बचाया जा चुका है। बचावकर्मियों का कहना है कि मलबा अभी भी इतना अस्थिर है कि वे उसके नीचे फंसे लोगों को ढूंढ़ने का प्रयास नहीं कर सकते। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत, जिसके ऊपर एक क्रेन थी, धूल के गुबार के साथ ढहती नजर आ रही है, जबकि वहां मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते हुए भाग रहे हैं। बैंकॉक में अन्य स्थानों पर लोगों को उनकी इमारतों से बाहर निकालने को कहा गया और आगाह किया गया कि और अधिक झटके आने की आशंका के मद्देनजर घरों से बाहर ही रहें। शुरुआती खबरों के अनुसार, अमरीकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर को यह भूकंप 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया, जिसका केंद्र पड़ोसी देश म्यांमा में था। भूकंप के तुरंत बाद अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। चेतावनी सायरन की आवाज पूरे मध्य बैंकॉक में गूंज उठी और सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ गई, जिससे शहर की पहले से ही भीड़भाड़ वाली कुछ सड़कें और भी जाम हो गईं। एलिवेटेड रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और सबवे को बंद कर दिया गया। सिटी हॉल ने अंतर-एजेंसी सहायता और आपातकालीन सहायता की सुविधा के लिए शहर को आपदा क्षेत्र घोषित किया है। ग्रेटर बैंकॉक क्षेत्र में 1.70 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से कई ऊंची इमारतों में रहते हैं। बैंकॉक के सिटी सेंटर में एक कार्यालय इमारत में काम करने वाली अप्रैल कनिचवानाकुल ने बताया कि उन्हें पहले तो यह एहसास ही नहीं हुआ कि यह भूकंप है, क्योंकि पहली बार उन्होंने भूकंप का सामना किया है। उन्होंने बताया कि मुझे लगा कि मुझे चक्कर आ रहा है। कनिचवानाकुल और उनके सहकर्मी अपनी बिल्डिंग, टोनसन टॉवर की दसवीं मंजिल से नीचे उतरे और बाहर इस संकेत का इंतजार करने लगे कि अब अंदर जाना सुरक्षित है या नहीं। बैंकॉक के मॉल में कैमरा उपकरण खरीदने आए स्कॉटलैंड के पर्यटक फ्रेजर मॉर्टन ने बताया कि अचानक पूरी इमारत हिलने लगी, जिससे वहां चीख-पुकार मच गई । उन्होंने बताया कि मैंने पहले तो शांति से चलना शुरू किया, लेकिन फिर इमारत में हलचल शुरू हो गई, हां, बहुत चीख-पुकार मच गई, बहुत घबराहट होने लगी, लोग एस्केलेटर से गलत दिशा में भागने लगे, मॉल के अंदर बहुत तेज अवाजें आने लगी और चीजें टूटने लगीं। बैंकॉक शहर के अन्य हजारों लोगों की तरह, मॉर्टन ने भी चारों ओर की ऊंची इमारतों से दूर, बेंजासिरी पार्क में शरण ली। उन्होंने कहा कि मैं बाहर आया और फिर इमारत की ओर देखा जो हिल रही थी और फिर धूल व मलबा का गुबार उठा, यह बहुत तेजी से हुआ। उन्होंने बताया कि कई लोग अपने प्रियजनों से फोन पर बात कर रहे थे, जबकि अन्य दोपहर की तपती धूप से बचने के लिए छाया की तलाश कर रहे थे। अन्य लोग शहर के घनी आबादी वाले हिस्से में ऊंची इमारतों को दहशत के साथ घूर रहे थे। म्यांमा में पुल ढहने और चीन में कई लोगों के घायल होने की खबर है। फेसबुक सोशल मीडिया पर जारी वीडियो और तस्वीरों के अनुसार, म्यांमा के दूसरे सबसे बड़े शहर और भूकंप के केंद्र के करीब स्थित मांडले में पूर्व शाही महल और इमारतों का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।हालांकि, यह शहर भूकंप संभावित क्षेत्र में है, यहां सामान्यत: आबादी कम है, तथा अधिकांश घर कम ऊंचाई वाले हैं। मांडले के दक्षिण-पश्चिम में सागइंग क्षेत्र में 90 वर्ष पुराना एक पुल ढह गया तथा मांडले और म्यांमा के सबसे बड़े शहर यंगून को जोड़ने वाले राजमार्ग के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए। भूकंप की वजह से यंगून के निवासी अपने घरों से बाहर निकल आए, लेकिन किसी के घायल होने या मौत की तत्काल कोई सूचना नहीं है। म्यांमा की राजधानी नेपीता में भूकंप से धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा, उनके कुछ हिस्से ढह गए तथा कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। चीनी मीडिया की खबरों के मुताबिक, भूकंप का झटका चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों में भी महसूस किया गया तथा म्यांमा की सीमा पर स्थित रुइली शहर में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई लोग घायल हुए हैं। मीडिया ने रुइली के एक व्यक्ति से प्राप्त वीडिया प्रसारित किया, जिसमें दिखाई दे रहा है कि सड़क पर इमारत का मलबा बिखरा हुआ है और एक व्यक्ति को स्ट्रेचर पर रखकर एम्बुलेंस की ओर ले जाया जा रहा है। एक वेबसाइट ने स्थानीय निवासी के हवाले से बताया कि रुइली से लगभग 100 किलोमीटर (60 मील) उत्तर-पूर्व में स्थित चीनी शहर मंगशी में भूकंप इतना तेज था कि लोगों के लिए खड़ा होना भी मुश्किल था।  युन्नान की प्रांतीय राजधानी कुनमिंग के एक निवासी ने 'द पेपर' को बताया कि उसकी छत का लैंप तेजी से हिल रहा था और यह कंपन 10 सेकेंड से अधिक समय तक जारी रहा। थाईलैंड के आपदा निवारण विभाग ने कहा कि भूकंप देश के लगभग सभी क्षेत्रों में महसूस किया गया। प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनवात्रा ने भूकंप के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई।