नागपुर : औरंगजेब की कब्र के खिलाफ प्रदर्शन के बाद हिंसा के संबंध में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और नागपुर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र्र फडणवीस ने दावा किया कि हिंसा पूर्व नियोजित थी। फडणवीस ने कहा कि फिल्म 'छावा' से लोगों की भावनाएं उमड़ी हैं, जिसमें संभाजी महाराज के खिलाफ औरंगजेब द्वारा किए गए क्रूर अत्याचारों को दर्शाया गया है। नागपुर के पुलिस आयुक्त रविन्द्र कुमार सिंघल ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में पांच प्राथमिकी दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की रात साढ़े सात बजे के करीब मध्य नागपुर में हिंसा भड़क गई और पुलिस पर पथराव किया गया। उन्होंने बताया कि यह हिंसा इस अफवाह के बाद फैली कि औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय के धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया। पुलिस के अनुसार, पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई। अनियंत्रित भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और इलाके में घरों तथा एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नागपुर के प्रभारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को नागपुर के एक अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों से मिलने के बाद बताया कि हिंसा में 34 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि माहौल को खराब करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया और गृह विभाग की ओर से कोई चूक नहीं हुई, क्योंकि पुलिस हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच (हिंसा के दौरान) ढाल बनकर खड़ी रही, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए। पुलिस ने बताया कि कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकडगंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाडा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोड़ना ठीक नहीं है, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शांति और सौहार्द बिगड़ रहा है।