पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता नई दिल्ली/गुवाहाटी : प्रसिद्ध आलोचक मदन सोनी को हिंदी के लिए तथा अनीसुर रहमान को अंग्रेजी के लिए साहित्य अकादमी का वर्ष 2024 का अनुवाद पुरस्कार दिए जाने की घोषणा शुक्रवार को यहां की गई। वहीं इस घोषणा में असम से अंजन शर्मा (असमिया), बासुदेव दास (बंगाली) और उत्तरा बसुमतारी (बोड़ो) को वर्ष 2024 के प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज 21 अनुवादकों को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2024 के लिए अनुमोदित किया गया। अकादमी द्वारा यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, चयनित 21 पुस्तकों को तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल ने निर्धारित चयन प्रक्रिया का पालन करते हुए पुरस्कार के लिए चुना है। नेपाली और संस्कृत भाषाओं में अनुवाद पुरस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी। विज्ञप्ति के अनुसार, हिंदी में अनुवाद के लिए मदन सोनी को यशोधरा डालमिया की अंग्रेजी पुस्तक के हिंदी अनुवाद 'सैयद हैदर रज़ा: एक अप्रतिम कलाकार की यात्रा' के लिए पुरस्कृृत किया गया है। अंग्रेजी में यह पुरस्कार अनीसुर रहमान को उनके द्वारा अनूदित पुस्तक हजारों ख्वाहिशें ऐसी (द वंडरफुल वर्ल्ड ऑफ उर्दू गजल्स) को दिया गया है। पंजाबी के लिए चंदन नेगी को पुस्तक 'तेरे लैई' के अनुवाद तथा बांग्ला के लिए बासुदेब दास को 'सदगरेर पुत्र नौका बेय जय' पुस्तक के अनुवाद हेतु पुरस्कृत किया गया है। यह पुरस्कार उन पुस्तकों से संबंधित हैं, जो पुरस्कार वर्ष के पिछले वर्ष के अंतिम पाँच वर्षों में (अर्थात् 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 के मध्य) प्रथम बार प्रकाशित हुई हैं। सोइबामचा इंद्रकुमार को हरिवंश राय बच्चन की लोकप्रिय काव्य रचना 'मधुबाला' के मणिपुरी अनुवाद के लिए, अंजन शर्मा को कनक लाल बरुआ की 'अर्ली हिस्ट्री ऑफ कामरूप' के असमिया अनुवाद के लिए, और अर्चना केसर को भीष्म साहनी के ऐतिहासिक हिंदी उपन्यास 'तमस' के डोगरी अनुवाद के लिए पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य अनुवादकों में बासुदेब दास (बंगाली), उत्तरा बसुमतारी (बोड़ो), रमणिक अग्रावत (गुजराती), सिद्धलिंग पट्टनशेट्टी (कन्नड़), गुलाम नबी आतश (कश्मीरी), मिलिंद महामल (कोंकणी), केशकर ठाकुर (मैथिली), केवी कुमारन (मलयालम), सुदर्शन अठावले (मराठी), सुवाश सत्पथी (उड़िया), चंदन नेगी (पंजाबी), सोहनदान चरण (राजस्थानी), नज़ीर हेम्ब्रम (संथाली), दिवंगत शोभा लालचंदानी (सिंधी), पी विमला (तमिल), और तुरलापति राजेश्वरी (तेलुगु) शामिल हैं। पुरस्कृत अनुवादकों को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक तथा 50,000/. रुपए की सम्मान राशि बाद में आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में प्रदान की जाएगी।