नई दिल्ली:भारत ने शुक्रवार को ब्रिटेन से कहा कि वह लंदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में व्यवधान डालने वाले खालिस्तान समर्थक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करे। इसने कहा कि यह घटना ऐसी ताकतों को दिए गए 'लाइसेंस' को दर्शाती है। जयशंकर बुधवार शाम जब चैथम हाउस में एक संवाद सत्र के समापन के बाद वहां से निकल रहे थे, तो खालिस्तान समर्थक एक प्रदर्शनकारी ने अवरोधक तोड़ने का प्रयास किया, जबकि कुछ अन्य ने भारत विरोधी नारे लगाए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस घटना पर ब्रिटिश अधिकारियों की गंभीरता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे इसमें शामिल अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं। जायसवाल ने कहा कि हमने विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान ब्रिटेन में मौजूद अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न किए जाने के बारे में ब्रिटेन के अधिकारियों को अपनी गहरी चिंता से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि इस घटना का एक बड़ा परिप्रेक्ष्य है। यह ऐसी ताकतों को दिए गए लाइसेंस के साथ-साथ उनकी धमकी, डराने-धमकाने और ब्रिटेन में हमारी वैध राजनयिक गतिविधियों में बाधा डालने के उद्देश्य से की गई अन्य कार्रवाइयों के प्रति उदासीनता को भी उजागर करता है। जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस मामले पर ब्रिटेन के विदेश कार्यालय द्वारा जारी बयान पर गौर किया है, लेकिन इसकी गंभीरता के बारे में हमारा नजरिया इस मामले तथा पिछले अवसरों पर दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निर्भर करेगा। विदेश कार्यालय ने घटना की निंदा की। जयशंकर मंगलवार से शुरू हुई ब्रिटेन और आयरलैंड की अपनी छह दिवसीय यात्रा के पहले चरण में लंदन में थे। भारत ने बृहस्पतिवार को सुरक्षा चूक की घटना की निंदा की और कहा कि वह उम्मीद करता है कि मेजबान सरकार ऐसे मामलों में अपने राजनयिक दायित्वों का पूरी तरह पालन करेगी। इसने ऐसे तत्वों द्वारा 'लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग' किए जाने की निंदा की। ब्रिटिश उच्चायोग के प्रभारी को भी विदेश मंत्रालय में तलब किया गया तथा उन्हें इस मामले पर आपत्ति पत्र सौंपा गया। मार्च, 2023 में कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में लगे भारतीय ध्वज को उतार दिया था जिस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया हुई। घटना के बाद भारत ने दिल्ली में वरिष्ठतम ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया और मिशन में 'सुरक्षा के पूर्ण अभाव' पर स्पष्टीकरण मांगा था। ब्रिटेन की धरती से गतिविधियां संचालित कर रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों के खिलाफ भारत कार्रवाई करने की मांग करता रहा है।