मालीगांव : पूर्वोत्तर सीमा (पूसी) रेल ने सार्वजनिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के बल को बढ़ावा देने और सुदृढ़ करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत 19 से 25 नवंबर, 2021 तक सांप्रदायिक सौहार्द्र जागरूकता सप्ताह (राष्ट्रीय एकता सप्ताह) मनाया। वीर लाचित बरफूकन की जयंती (24 नवंबर) भी मनाई गई। उत्सव के एक भाग के रूप में मालीगांव रेलवे मुख्यालय परिसर में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। पूसी रेल के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने उपस्थित सभी अधिकारियों को धर्म, भाषा, क्षेत्र से संबंधित भेदभाव और विवादों तथा राजनैतिक या आर्थिक शिकायतों का निपटारा शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से करने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर पूसी रेल के महाप्रबंधक, अपर महाप्रबंधक और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा वीर लाचित बरफूकन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। पूसी रेल के प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी (पीसीपीओ) चंद्रजीत सैकिया ने परिचयात्मक भाषण दिया। अपने भाषण में पीसीपीओ ने 1671 के सराईघाट युद्ध का उल्लेख करते हुए वीर लाचित बरफूकन की भूमिका के बारे में बताया, जो आहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे। महाप्रबंधक ने अपने संबोधन में इस सांप्रदायिक सौहार्द्र सप्ताह के आयोजन के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वीर लाचित बरफूकन हमारे लिए महान प्रेरणा के स्रोत हैं, जो हर किसी के दिल में देशभक्ति की भावना जगाते हैं। वह सराईघाट की लड़ाई में विजयी हुए और मुगलों को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस प्रकार असम और पूर्वोत्तर की सभ्यता और संस्कृृति की रक्षा की गई। महाप्रबंधक ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को देश भर में हमारे नायकों द्वारा दिखाए गए आदर्शों से प्रेरित होकर उसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए, ताकि रेलवे के साथ-साथ हम राष्ट्र निर्माण के महान कार्य में योगदान दे सकें। इस समारोह का उद्देश्य सहिष्णुता और भाईचारे के मूल्य में पुरानी परंपराओं, संस्कृृति और विश्वास की पुष्टि करना है। यह सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए देश की अंतर्निहित शक्ति और लचीलेपन को उजागर करने में भी सहायता करता है।
पूसी रेल में सांप्रदायिक सौहार्द्र जागरूकता सप्ताह मनाई गई
