हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी विशेष महत्व रखती है। इस दिन देवी दुर्गा की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख शांति बनी रहती है। साथ ही वैवाहिक जीवन भी सुखमय होता है। ऐसे में आइए जानते हैं फाल्गुन महीने में पड़ने वाली मासिक दुर्गाष्टमी की सही तिथि, पूजा मुहूर्त, विधि, मंत्र और आरती।
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 मार्च को सुबह 10.06 मिनट पर शुरु होगी, जो अगले दिन 7 मार्च को 9 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि पड़ने के कारण दुर्गाष्टमी 7 मार्च को मनाई जाएगी।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि:
इस दिन आप सूर्योदय से पहले स्नान करके निवृत्त हो जाएं। फिर पूजा स्थल और मंदिर की साफ-सफाई करें।
इसके बाद आप मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो को स्थापित करें। फिर आप देवी दुर्गा के चित्र के सामने घी का दीया जलाएं
दीया जलाने के बाद मां भगवती को 16 सिंगार की सामग्री चढ़ाएं। साथ ही लाल चुनरी, लाल रंग के फूल, अक्षत आदि देवी मां को अर्पित करें। वहीं, देवी दुर्गा को भोग के रूप में फल या मिठाई चढ़ाइए। अंत में दुर्गा चालीसा और आरती करके पूजा संपन्न करें।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत मंत्र जाप करें
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।