नई दिल्ली : झारखंड में कथित जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को कहा कि समय आ गया है कि केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने पर विचार करे और अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को 'हथकड़ी' लगाकर बाहर निकाले। गोड्डा से सांसद ने दावा किया कि 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड में आदिवासियों की आबादी 45 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत पर आ गई है और साथ ही आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए राज्य का 'इस्लामीकरण' कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वे वोट के लिए केवल भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड आज ज्वालामुखी पर बैठा है। वह बांग्लादेश के साथ विलय के लिए तैयार है क्योंकि बांग्लादेशी घुसपैठियों (अवैध प्रवासियों) ने इसकी जनसांख्यिकी को पूरी तरह बदल दिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत सरकार को झारखंड के बारे में अलग तरीके से सोचना होगा। एनआरसी ही एकमात्र विकल्प बचा है। एनआरसी लागू करें। बांग्लादेशियों को पकड़ें और उन्हें भगाएं। उन्हें हथकड़ी लगाकर बाहर निकाला जाना चाहिए क्योंकि ट्रंप (प्रशासन) ने हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को निर्वासित (अमरीका से) किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे, भाजपा सांसद ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि शाह को मामले की जानकारी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री यह जानते हैं। वह इसे करना चाहते हैं। इसलिए आपने देखा कि दिल्ली में सरकार बनने के तुरंत बाद गृह मंत्री (शाह) ने यहां एक बैठक की। वह झारखंड के बारे में भी चिंतित हैं। प्रधानमंत्री भी समान रूप से चिंतित हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि किसी से बात करने की जरूरत नहीं है। अब इसे लागू करने का समय आ गया है। शाह ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह भारत में अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को घुसने में मदद करने वाले नेटवर्कों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा करार देते हुए इससे सख्ती से निपटने का आह्वान किया था। राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों और उप-डिवीजनों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। दुबे ने कहा कि झारखंड में 'जनसांख्यिकीय परिवर्तन' भाजपा के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सब झारखंड में आदिवासियों की रक्षा के बारे में है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार आदिवासियों की आबादी 45 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत रह गई है। अब यह घटकर 23-24 प्रतिशत हो गया होगा। अगर आदिवासी विलुप्त हो जाते हैं, तो हम किस तरह की राजनीति करेंगे? झारखंड का गठन आदिवासियों की बेहतरी के लिए किया गया था। भाजपा सांसद ने दावा किया कि झारखंड में मौजूदा स्थिति 'चिंताजनक' है और कहा कि झारखंड में परिसीमन नहीं किया जा सका, क्योंकि आदिवासियों (अनुसूचित जनजाति) के लिए आरक्षित सीटों की संख्या कम हो रही थी।
झारखंड में एनआरसी लागू करने का आ गया समय : निशिकांत दुबे
