प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नगर के खानापाड़ा स्थित पशु चिकित्सा खेल मैदान में आयोजित दो दिवसीय एडवांटेज असम 2.0 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री के साथ-साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर बंदरगाह जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनोवाल असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा सहित उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई। प्रधानमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि विकसित भारत के निर्माण में असम सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि एडवांटेज असम 2.0 के आयोजन से असम औद्योगिक क्षेत्र में पावरहाउस बनेगा। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में तकनीकी एवं मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद पूर्वोत्तर में विकास कार्य तेजी से हुए हैं। कांग्रेस के शासन में ब्रह्मपुत्र में केवल तीन पुल बने थे जबकि भाजपा के शासन में 2024 से अब तक चार पूलों का निर्माण हो चुका है। इसी तरह बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में पूर्वोत्तर में तेजी से काम हुआ है। कनेक्टिवीटी पहले से बेहतर हुई है। उन्होंने असम की जनता को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार असम के विकास में हरसंभव सहयोग देगी। इस मौके पर उपस्थित बड़े उद्योग घराने के प्रमुखों ने भी असम में भारी निवेश करने की घोषणा की। इससे असम में रोजगार के ज्यादा अवसर होंगे, जिससे असम की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि उनकी कंपनी अगले पांच वर्षों के दौरान असम में 50 हजार करोड़ का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि रिन्युअल एनर्जी, थर्मल पावर आदि क्षेत्र में निवेश की संभावना है। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि उनकी कंपनी असम में बुनियादी ढांचा खासकर रोड बनाने के क्षेत्र में 50 हजार करोड़ का निवेश करेगी। इसी तरह वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने 50 हजार करोड़ की घोषणा की। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने कहा कि असम तकनीकी सेक्टर में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी, मोबाइल चिप्स के निर्माण टाटा अगले पांच वर्ष में निवेश करेगा। मालूम हो कि टाटा संस ने असम के जागीरोड में सेमीकंडक्टर एसेंबल करने के लिए प्लांट लगा रहा है, जिस पर 27 हजार करोड़ रुपए खर्च होने की अनुमान है। इसी तरह जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने निवेश करने की घोषण की। आज पूरे दिन सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का दिन रहा। देश और राज्य की कई कंपनियों ने असम में निवेश के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। एडवांटेज असम 2.0 का आयोजन असम में औद्योगिक क्रांति लगा सकता है जिसका आधार तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति इसके महत्व को और बढ़ा दिया है। डोनर मंत्री ज्योतिराज्य सिंधिया की उपस्थिति में भी कई निर्णय लिए गए। 26 फरवरी को भी कई सत्रों का आयोजन होगा, जिसमें असम में निवेश की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी रेल के क्षेत्र में होने वाले निवेश पर प्रकाश डालेंगे। विदेशों से आए 60 देशों के राजदूत एवं दूसरे राजनायिक उपस्थिति इसकी गरिमा को और बढ़ा दिया है। गुवाहाटी दक्षिण पूर्व ऐशियाई देशों के लिए मुख्य द्वार है। असम में निवेश बढ़ने से पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्योग की संभावनाएं बढ़ेंगी। भारत के एक्ट इस्ट पॉलिसी का आधार पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास करना है। केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ जोड़ने के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए कनेक्टिवीटी भी बढ़ाई जा रही है ताकि दूसरे देशों के लोग असम में आ सके। पर्यटन के क्षेत्र में भी असम में काफी संभावनाएं है। प्राकृृतिक सुन्दरता से भरपूर असम देसी-विदेशी पर्यटकों को सहज ही आकॢषत करता है। कुल मिलाकर एडवांटेज असम 2.0 औद्योगिक क्षेत्र में असम को नई पहचान देगा।
विकसित असम की पहल
