खाना बनाने के लिए सही इंग्रेडिएंट्स का चुनाव करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी सही बर्तन चुनना भी है। भारतीय घरों में सालों से लोहे की कढ़ाई का इस्तेमाल किया जा रहा है। माना जाता है कि लोहे की कढ़ाई में पकाया हुआ खाना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। जिन लोगों के शरीर में आयरन की कमी होती है, उनके लिए लोहे की कढ़ाई में बनाया हुआ खाना बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। हालांकि कुछ सब्जियां लोहे की कढ़ाई में बनाने से परहेज करना चाहिए। इन सब्जियों को लोहे की कढ़ाई में बनाने से ना सिर्फ उनकी रंगत और स्वाद बिगड़ सकते हैं बल्कि सेहत के लिए भी ये नुकसानदायक हो सकती हैं। ऐसी सब्जियों को बनाने के लिए नॉन रिएक्टिव मेटल जैसे स्टील और एल्यूमीनियम के बर्तन का इस्तेमाल करना बेहतर होता है।

लोहे की कढ़ाई में ना पकाएं टमाटर : लोहे की कढ़ाई में कभी भी टमाटर नहीं पकाना चाहिए। दअसल टमाटर एसिडिक नेचर का होता है। ऐसे में जब आप इसे लोहे की कढ़ाई में पकाते हैं, तो ये टमाटर के साथ रिएक्ट करता है। इससे आपके खाने का टेस्ट और खुशबू दोनों खराब हो सकते हैं। दरअसल लोहे की कढ़ाई में पके हुए टमाटर में अजीब से मैटेलिक गंध और स्वाद आ सकता है।

पालक भी ना पकाएं : लोहे की कढ़ाई या पैन में पालक भी नहीं पकाना चाहिए। दरअसल पालक में भरपूर मात्रा में ऑक्जेलिक एसिड मौजूद होता है। जब आप इसे लोहे की कढ़ाई में पकाते हैं, तो ये आयरन के साथ रिएक्ट करता है। इससे पलक की रंगत खराब हो सकती है। लोहे की कढ़ाई में पका हुआ पालक काले रंग का हो जाता है, जिसमें एक अजीब सी गंध भी आ सकती है।

लोहे के बर्तन में ना कुक करें चुकंदर : बीटरूट यानी चुकंदर को भी लोहे के बर्तन में पकाने से बचना चाहिए। दरअसल चुकंदर में अच्छी मात्रा में आयरन मौजूद होता है, जो कढ़ाई में मौजूद आयरन के साथ रिएक्ट करता है। इससे आपकी डिश का रंग पूरी तरह खराब हो सकता है। इसके साथ ही खाने की खुशबू और फ्लेवर भी पूरी तरह बिगड़ सकता है।

लोहे की कढ़ाई में ना पकाएं नींबू से जुड़े फूड्स : लोहे की कढ़ाई या पैन में कभी भी नींबू से जुड़ी डिशेज नहीं बनानी चाहिए। नींबू भी काफी एसिडिक नेचर का होता है। ऐसे में जब आप इसे लोहे की कढ़ाई में पकाते हैं तो ये खाने की रंगत और साथ ही साथ स्वाद को बदल सकता है। इससे खाने में कड़वाहट आ सकती है। ऐसे में अगर आप लोहे की कढ़ाई में कोई डिश बना रहे हैं, तो उसमें नींबू मिलाने से बचें।

लोहे की कढ़ाई में ना बनाएं इमली : इमली को भी कभी लोहे की कढ़ाई या बर्तन में नहीं बनाना चाहिए। इमली का नेचर सुपर एसिडिक होता है। ऐसे में जब इमली को लोहे की कढ़ाई में पकाया जाता है, तो ये खाने की रंगत को खराब कर सकता है। इसके अलावा ये खाने में एक तरह का मैटेलिक टेस्ट भी एड कर सकता है। इमली से जुड़ी हुई कोई भी डिश बना रहे हैं, तो इसके लिए एल्यूमियम या मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं।