धार्मिक मान्यता अनुसार संक्रांति तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। वहीं सूर्य देव के राशि गोचर करने की तिथि को संक्राति कहते हैं। वहीं इस तिथि से लेकर सूर्य देव एक राशि में अगले 30 दिनों तक विराजमान रहते हैं।साथ ही उसके बाद दूसरी राशि में गोचर करते हैं। सूर्य देव के धनु से मीन राशि में गोचर करने पर खरमास दोष लगता है।ऐसी मान्यता है कि उस समय अवधि में कोई भी विवाह और मंगलकारी कार्य नहीं करना चाहिए. खरमास में क्यों नहीं करना चाहिए शुभकार्य : ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य देव के धनु से मीन राशि में गोचर करने के समय गुरु का प्रभाव शून्य हो जाता है। वहीं ऐसा माना जाता है कि कोई भी शुभ कार्य के लिए गुरु के प्रभाव का होना अति आवश्यक और मंगलमय होता है।14 मार्च 2025 शुक्रवार के दिन को सूर्य देव धनु से मीन राशि में गोचर करेंगे और इसी दिन से खरमास दोष लगेगा। हालांकि इससे पहले इस वर्ष मार्च महीने में विवाह या मंगलकार्य के लिए कई शुभ लग्न मुहूर्त हैं। मार्च माह वैवाहिक कार्य के लिए अधिक पसंद किया जाने वाला माह है। जिससे इस समय न तो ज्यादा सर्दी रहती है और न ही ज्यादा गर्मी होती है। साथ ही बसंत ऋतु में विवाह जैसे कार्यक्रम करना लोगों को अधिक पसंद होता है। मार्च 2025 में विवाह की तिथियां -1, 2, 6, 7 और 12 मार्च। ग्रह शास्त्र के अनुसार फिलहाल सूर्य देव मकर राशि में विराजमान हैं। वहीं सूर्य देव 14 मार्च को मीन राशि में गोचर करेंगे. अत: 14 मार्च 2025 से 14 अप्रैल 2025 तक खरमास रहेगा। यह अवधि पूरे एक महीने तक चलेगा,खरमास के कारण विवाह या कोई भी मंगलकारी कार्य नहीं किए जाते हैं।
मार्च में लगने वाला है खरमास, बंद हो जाएंगे शादी-विवाह
