पेरिस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को फ्रांस दौरे पर रवाना होंगे। यहां पीएम मोदी 11 फरवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे। इसमें दुनिया भर के लीडर्स और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स एआईकी गाइडलाइन तैयार करेंगे। इस कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बेहतर इस्तेमाल और खतरों को नियंत्रित करने पर चर्चा होगी। इससे पहले यह समिट 2023 में ब्रिटेन और 2024 में साउथ  कोरिया में हो चुकी है। यह समिट ऐसे वक्त में हो रही है जब कई लोग एआईकी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह खेल के नियमों को तय करने के बारे में है। एआईको कानून के दायरे में लाना जरूरी है। अमरीका से उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और चीन से राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक विशेष दूत भी इस बैठक शामिल होगा। वहीं, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ओपेनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन, और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई समेत 80 देशों के अधिकारी और सीईओभी हिस्सा लेंगे। इस समिट में टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क और चीनी एआईडीपसीक के फाउंडर लियांग वेनफेंग का शामिल होना फिक्स नहीं है। सभी ग्लोबल लीडर्स और एक्सपर्ट्स के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति के आवास एलिसी पैलेस में डिनर का आयोजन होगा। यह समिट ऐसे वक्त में आयोजित हो रही है जब दुनिया भर में चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल डीपसीक को लेकर अनिश्चित्ता का माहौल है। कुछ दिनों पहले ही इसकी वजह से अमरीका के शेयर मार्केट में भारी उथल पुथल देखने को मिली थी। यहां तक की अमरीका का शेयर मार्केट 3 प्रतिशत तक गिर गया था। इसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डीपसीक को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था- ये अमरीका की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए वेक अप कॉल है, यानी अलर्ट होने का समय है। एआईके तेजी से बढ़ते इस्तेमाल से इससे होने वाले खतरे भी तेजी से बढ़े हैं। इसे देखते हुए हाल ही में भारतीय फाइनेंस मिनिस्ट्री ने अपने एम्प्लॉइज को ऑफिस के किसी भी काम के लिए चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआईटूल्स का यूज करने से बचने के लिए कहा है। सरकार का मानना है कि ऐसे एआईटूल्स सरकारी डॉक्यूमेंट्स और डेटा की गोपनीयता के लिए खतरा हैं। इस बात की जानकारी इंटरनल डिपार्टमेंट एडवाइजरी से मिली है। ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने भी डेटा सिक्योरिटी जोखिम का हवाला देते हुए डीपसीक के यूज पर बैन लगा दिया है।