पूर्वांचल प्रहरी क्राइम रिपोर्टर गुवाहाटी : शक्तिपीठ मां कामाख्या मंदिर में बीते कल बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घंटों तक छापेमारी की। इस संदर्भ में आज ईडी ने एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी करते हुए बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए)- 2002 के तहत यह छापेमारी की गईर्। मिली जानकारी के अनुसार कामाख्या देवोत्तर बोर्ड के खिलाफ वर्ष 2003 से 2019 के बीच करीब 7.62 करोड़ की जालसाजी करने का आरोप है। इस संदर्भ में गुवाहाटी के सीआईडी में एक मामला दर्ज किया गया था,जिसके तहत भारतीय दंड विधि, 1806 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई शुरू की गई थी। ईडी की मानें तो कामाख्या देवोत्तर बोर्ड ने बिजली की सामग्री, सीमेंट और साफ-सफाई की खरीदारी के साथ ही विभिन्न कामों में श्रमिकों के नाम पर कथित करोड़ों की जालसाजी की गई है। ईडी ने आगे बताया कि अदालत के निर्देशानुसार कामाख्या देवोत्तर बोर्ड को मंदिर कल्याण के नाम पर 50 हजार तक खर्च करने की अनुमति थी, जिसके अतिरिक्त खर्च करने पर कामाख्या देवोत्तर बोर्ड को कामरूप जिला उपायुक्त की अनुमति लेना अनिवार्य था। इसी के तहत कामाख्या देवोत्तर बोर्ड मंदिर सभी खर्चो को 50 हजार तक दिखाकर बिल तैयार करते थे तथा जालसाजी की सारी राशि नगदी में होती थी। इस छापेमारी के दौरान ईडी ने कामाख्या देवोत्तर बोर्ड के पूर्व सदस्य रिज्जू प्रसाद शर्मा के घर में अभियान चलाया गया। इसके साथ-साथ कामाख्या देवोत्तर बोर्ड के पूर्व सदस्य स्वर्गीय धिराज शर्मा और नवकांत शर्मा के घर भी अपना अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान ईडी ने करीब 1.82 करोड़ की बीमा पॉलिसी जब्त की जो कामाख्या देवोत्तर बोर्ड के अधिकारीयों के साथ ही उनके परिजनों के सदस्यों के नाम थी, यहीं नहीं ईडी ने अचल संपत्ति से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज तथा निजी व्यवसाय से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए। इस दौरान ईडी ने करीब 27 बैंक अकाउंट भी जब्त किए, जो कामाख्या देवोत्तर बोर्ड के विभिन्न अधिकारियों के नाम हैं। फिलहाल इस मामले को लेकर आगे की कार्रवाई जारी है।
कामाख्या मंदिर के पूर्व प्रबंधकों के घर ईडी की छापेमारी
