डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल्स में आयोजित भव्य समारोह में अमरीका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। ट्रंप अमरीका के ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जो चुनाव हारने के बाद फिर से राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। अमरीका के राष्ट्रपति के ऊपर दुनिया की नजर रहती है, क्योंकि सबसे बड़ी महाशक्ति होने के कारण उसका असर दुनिया के देशों पर पड़ता है। ट्रंप के निरंकुश एवं बेबाक स्वभाव के कारण उनके निर्वाचित होने के साथ ही दुनिया में पहले से ही हलचल बढ़ गई है। अमरीका फर्स्ट की नीति पर चलने वाले ट्रंप के आने से विश्व की अर्थ व्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ेगा। खुद व्यापारी होने के कारण ट्रंप का फोकस अमरीकी अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने पर होगा। निर्वाचित होने के तुरंत बाद ट्रंप ने चीन सहित दूसरे देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी जिसके कारण अमरीकी अर्थ व्यवस्था प्रभावित हो रही है। भारत और अमरीका के बीच 190 अरब डॉलर का सालाना व्यापार होता है। अगर अमरीका की तरफ से भारतीय उत्पादों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की गई तो उससे रुपया कमजोर होगा जिसका असर भारत के आयात पर पड़ेगा। आयात के लिए भारत को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा, जबकि निर्यात के क्षेत्र में भारत को लाभ होगा। कच्चा तेल, कोयला, इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी, प्लास्टिक, केमिकल एवं खाद्य तेल के आयात पर ज्यादा खर्च होगा। हालांकि आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि रुपया पर असर आंशिक ही होगा। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित नहीं किया गया है, किंतु विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के शासन में भारत-अमरीकी संबंध और मजबूत होंगे। चीन अभी अमरीका का मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना अमरीकी सेहत के लिए जरूरी है। अर्थ व्यवस्था के क्षेत्र में भी चीन अमरीका को कड़ी टक्कर दे रहा है। ऐसी स्थिति में अमरीका को भारत से सहयोग की आवश्यकता होगी। ट्रंप की टीम में बहुत से ऐसे लोग शामिल हैं जो भारत के प्रति नरम रुख रखते हैं। ट्रंप कैबिनेट में विवेक रामास्वामी, काश पटेल, जय भट्टाचार्य जैसे कई भारतीय मूल के अमरीकी लोग शामिल हैं। तुलसी गबार्ड भारत समर्थक हिंदू महिला को अमरीका की सभी खुफिया एजेंसियों का प्रमुख बनाया गया है। अब देखना होगा कि ट्रंप शपथ लेने के बाद किस तरह का रुख अपनाते हैं। चुनाव जीतने का बाद ट्रंप ने एच-1बी वीजा खत्म करने तथा अवैध घुसपैठ रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का संकेत दिया है। एच-1बी वीजा पर अंकुश लगने से वहां काम करने वाले भारतीयों को परेशानी होगी। इसके अलावा ट्रंप ने कहा है कि वे मध्य-पूर्व में युद्ध को बंद करवा कर शांति लाएंगे। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध बंद करवाने का भी ट्रंप ने दावा किया है। अगर यूक्रेन को अमरीकी सहायता बंद हो जाएगी तो यूक्रेन को नतमस्तक होने पर बाध्य होना पड़ेगा। शपथ से पहले ही इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम के लिए समझौता हुआ है जिसका श्रेय राष्ट्रपति ट्रंप तथा निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन दोनों ले रहे हैं। उम्मीद है कि ट्रंप के आने के बाद दुनिया में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगेगी तथा भारत विरोधी गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी ऊषा वेंस भी भारतीय हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भारत और अमरीका के बीच संबंध बेहतर होंगे।
ट्रंप को अमरीका की कमान
