नई दिल्ली : राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सोमवार को विपक्ष ने जहां सरकार पर कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप लगाया और कहा कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव जैसे विधेयक लोकतंत्र की भावना के विपरीत हैं। राज्यसभा में भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा में हिस्सा ले रहे कांग्रेस के मुकुल वासनिक ने कहा कि संविधान जैसे पवित्र विषय पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रति जिस राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सोमवार को विपक्ष ने जहां सरकार पर कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप लगाया और कहा कि  'एक राष्ट्र एक चुनाव  जैसे विधेयक लोकतंत्र की भावना के विपरीत हैं।  राज्यसभा में भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा  पर चर्चा में हिस्सा ले रहे कांग्रेस के मुकुल वासनिक ने कहा कि संविधान जैसे पवित्र विषय पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रति जिस तरह के विचार व्यक्त किए उनसे नेहरू के प्रति उनकी 'नफरत साफ जाहिर होती है। उन्होंने कहा कि आज सत्ता में जो लोग बैठे हैं उनका स्वतंत्रता संग्राम और संविधान से कोई सरोकार नहीं है।  वासनिक ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था उस समय के हालात देखते हुए पंडित नेहरू ने बेहतरीन फैसले किए थे। लेकिन आज की सरकार से उम्मीद नहीं है कि वह उन फैसलों की सराहना करेगी। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की विद्वता का पूरा उपयोग संविधान बनाने में किया गया।   वासनिक ने भाजपा की करनी और कथनी में अंतर होने का आरोप लगाते हुए कहा कि महिलाओं को आरक्षण देने के बड़े बड़े दावे करने वाली भारतीय जनता पार्टी में आज तक न तो कोई महिला अध्यक्ष बनी और न ही आरएसएस में किसी महिला को सरसंघचालक बनाया गया। उन्होंने कहा कि आरएसएस के अगले साल 100 साल हो जाएंगे। उन्होंने  कहा कि कांग्रेस में तो आजादी से पहले ही एनी बेसेंट और सरोजिनी नायडू ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली और यह सिलसिला जारी है।   उन्होंने कहा कि आज भारत जिस मुकाम पर पहुंचा है, वह किसी व्यक्ति विशेष की वजह से नहीं, बल्कि संविधान की वजह से पहुंचा है। भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि वह संविधान सभा में संविधान बनाकर भारत को आज के मुकाम तक पहुंचाने की नींव रखने वालों के प्रति सादर नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में संविधान लिखने की परंपरा बहुत पुरानी है। मनु स्मृति 5000 साल पहले लिखी गई। इसके बाद 52 स्मृतियां लिखी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य बरसों पहले बदले गए कानून का संविधान पर चर्चा के दौरान उल्लेख कर रहे थे जबकि चर्चा संविधान पर हो रही है।   उन्होंने कहा कि आज जो आजादी मिली है वह स्वतंत्रता सेनानियों के कारण मिली है और आज का संविधान और लोकतंत्र सेनानियों की मेहनत का नतीजा हैं। तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने सरकार पर अपनी सुविधा के अनुसार, संविधान की व्याख्या करने का आरोप लगाया। उन्होंने बांग्ला में अपनी बात रखी।  उन्होंने कहा कि वी द पीपुल ऑफ इंडिया का दावा करने वालों को सोचना चाहिए कि किस तरह उन्होंने कोविड काल में आनन फानन में लॉकडाउन लगाकर मजदूरों को सड़कों पर भटकने के लिए मजबूर कर दिया था और नोटबंदी कर बैंकों के आगे गरीबों की लाइन लगा दी थी।