भारत और आस्ट्रेलिया के बीच चल रहे वर्तमान क्रिकेट शृंखला में आस्टे्रलिया के एडिलेड में हुए दूसरे टेस्ट में भारत के शीर्ष बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन गंभीर ङ्क्षचता का विषय बना हुआ है। पर्थ में हुए प्रथम टेस्ट में भारत ने आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को 295 रन से हराकर अपना दबदबा कायम किया था। विराट कोहली ने इस मैच में शतक जमाया था। लेकिन दूसरे टेस्ट में जिस तरह आस्ट्रेलियाई टीम हावी हुई उससे भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की पोल खुल गई। पहले टेस्ट में शतक जमाने वाले विराट कोहली ने दूसरे टेस्ट की दोनों पारियों में क्रमश: 7 और 11 रन बनाए। पिछले 18 महीनों के दौरान विराट कोहली का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में यह पहला शतक था। भारती कप्तान रोहित शर्मा का प्रदर्शन और भी खराब रहा। एडिलेड टेस्ट में रोहित ने दोनों पारियों में क्रमश: 3 और 6 रन बनाए। छठे स्थान पर बैङ्क्षटग के लिए उतरने के बावजूद वे अपने प्रदर्शन को सुधार नहीं सके। दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड एवं इंग्लैंड के खिलाफ रोहित शर्मा ने 46 पारियों में 30 से कम औसत से रन बनाए। आस्ट्रेलिया की वर्तमान शृंखला में ऑल राउंडर नीतीश कुमार रेड्डी ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है। पिछली चारों पारी के दौरान नीतीश ने क्रमश: 41, 38, 42 एवं 42 रन बनाए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नीतीश ने निचले क्रम में आकर बेहतर प्रदर्शन किया है। टीम इंडिया के उपकप्तान जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन शानदार रहा है। पहले टेस्ट मैच में बुमराह की शानदार कप्तानी ने आस्ट्रेलिया को नतमस्तक होने पर मजबूर कर दिया था। आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में 14 दिसंबर से तीसरा टेस्ट मैच शुरू होने जा रहा है। अगर भारत को इस शृंखला में बने रहना है तो उछाल भरी पिच पर भारतीय बल्लेबाजों को धैर्य के साथ जमकर बैङ्क्षटग करनी होगी। रोहित शर्मा के लिए भी तीसरा टेस्ट मैच अग्निपरीक्षा के समान होगा। सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री जैसे पूर्व क्रिकेटरों की सलाह है कि रोहित शर्मा को ओपङ्क्षनग करनी चाहिए। विराट कोहली को भी लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरना होगा। दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने आस्टे्रलियाई कप्तान पैट कङ्क्षमस के उछलती गेंदों पर बड़ा स्ट्रोक लगाने के चक्कर में अपना विकेट खोया। तीसरे टेस्ट में भारत को आस्ट्रेलियाई रणनीति के प्रति सावधान रहना पड़ेगा। तीसरे टेस्ट से पहले भारत ने लाल गेंद से काफी अभ्यास किया है। भारत को हर हालत में ब्रिसबेन टेस्ट जीतकर बढ़त लेने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए बॉङ्क्षलग एवं फील्डिंग में भी सुधार करना होगा। दूसरे टेस्ट में हार के बाद विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिए लड़ाई और दिलचस्प हो गई है। फाइनल में पहुंचने के लिए भारत के अलावा आस्ट्रेेलिया, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका दावेदार हैं। मौजूदा टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में केवल दस टेस्ट मैच बचे हैं। अभी तक किसी भी टीम के फाइनल में पहुंचने की गारंटी नहीं है। दक्षिण अफ्रीका विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की तालिका में शीर्ष पर चल रहा है। जबकि आस्ट्रेलिया दूसरे तथा भारत तीसरे स्थान पर है। ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के प्रदर्शन पर भी सबकी नजर रहेगी। विकेट कीपर ऋषभ पंत एवं अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल को भी पिच पर टिक कर खेलना होगा। आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की गेंदों को मैरिट के आधार पर खेलना होगा। भारतीय बल्लेबाजों को टेस्ट मैच और टी-20 के अंतर को समझना होगा। भारतीय गेंदबाजों को दूसरे छोड़ से बुमराह का पूरा समर्थन देना होगा। आस्ट्रेलिया के साथ चल रही पूरी शृंखला में कप्तान रोहित शर्मा तथा मुख्य कोच गौतम गंभीर की अग्निपरीक्षा होगी।
टीम इंडिया की कठिन डगर
