नई दिल्ली : लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) का इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2022 के बीच आ सकता है। पेटीएम के बाद यह भारत का सबसे बड़ा आसीपीओ होगा। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (डीआईपीएएम) सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे ने बुधवार को ये जानकारी दी। सरकार एलआईसी की 10प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचकर 40 हजार करोड़ रुपए से 1 लाख करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक 5प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री से ही एलआईसी का आईपीओ भारत का सबसे बड़ा आईपीओ बन जाएगा। वहीं 10प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से एलआईसी ग्लोबल लेवल पर दूसरी सबसे बड़ी बीमा कंपनी बन जाएगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि एलआईसी के आईपीओ के लिए बैंकर्स अगले हफ्ते से संभावित एंकर इन्वेस्टर्स से मिलना शुरू कर देंगे। बैंकर्स यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि देश की सबसे बड़ी शेयर बिक्री में डिमांड की कमी न आए। लगभग 100 ग्लोबल इन्वेस्टर्स के नामों की एक लिस्ट डील पर काम कर रहे 10 बैंकों के साथ शेयर की गई है। बैंकों की योजना दिसंबर के पहले सप्ताह तक मार्केट रेगुलेटर के पास ड्राफ्ट आईपीओ प्रॉस्पेक्टस दाखिल करने की है। सरकार ने सेल अरेंज करने के लिए कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड, गोल्डमैन सैस ग्रुप इंक, जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड सहित 10 बैंकों का चयन किया है। आईपीओ को लाने के लिए एलआईसी एक्ट 1956 में बड़े बदलाव किए गए हैं। कितने शेयर बेचे जाएंगे और वह किस प्राइस बैंड में होंगे, यह अब तक तय नहीं हुआ है। सरकार एलआईसी के आईपीओ इश्यू साइज से 10प्रतिशत शेयर पॉलिसी होल्डर्स के लिए सुरक्षित रखेगी। एलआईसी एक्ट में 2021 में हुए बदलावों में कहा गया है कि किसी पब्लिक इश्यू में जिस तरह कर्मचारियों के लिए शेयर सुरक्षित रहते हैं, उसी तरह का रिजर्वेशन एलआईसी पॉलिसी रखने वालों के लिए किया जाएगा।