प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की विदेश यात्रा के पहले चरण में नाइजीरिया की यात्रा पूरी करके जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील पहुंच गए हैं। ब्राजील में मोदी का भारतीय संस्कृृति के अनुसार शानदार स्वागत किया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री का नाइजीरिया में भव्य स्वागत हुआ। प्रवासी भारतीयों ने उनसे भेंट की। नाइजीरिया सरकार ने अपने देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर’ से सम्मानित किया। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ को वर्ष 1969 में यह पुरस्कार दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी को अब तक दुनिया के 17 देशों के सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। मोदी ने इस पुरस्कार को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हुए भारत के 140 करोड़ लोगों को समर्पित किया है। मोदी को नाइजीरिया के अबूजा शहर की चाबी भेंट कर विशेष सम्मान दिया गया। वहां के राष्ट्रपति अहमद टिनुबू के साथ द्विपक्षीय मामलों पर विस्तार से बैठक हुई है। दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को उच्च प्राथमिकता देने, रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने तथा मादक पदार्थों की तस्करी रोकने सहित कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की। दोनों देश आतंकवाद, अलगाववाद एवं समुद्री डकैती पर अंकुश के लिए मिलकर काम करेंगे। नाइजीरिया भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। भारत के साथ नाइजीरिया का व्यापार लगातार बढ़ रहा है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों से अफ्रीका, लैटिन अमरीका जैसे देशों पर विशेष फोकस किया है। अब तक अफ्रीकी देशों में चीन का दबदबा रहा है। भारत अब अफ्रीकी देशों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने में लगा हुआ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंचों से कह चुके हैं कि भारत ग्लोबल साउथ देशों का नेतृत्व करने में सक्षम है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। कुछ वर्षों में अफ्रीकी देशों में भारत की पैठ बढ़ी है। भारत दुनिया के लगभग 85 देशों को रक्षा साजो-सामान का निर्यात कर रहा है। नाइजीरिया प्राकृृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। भारत नाइजीरिया के विकास में हरसंभव सहयोग व समर्थन देने को तैयार है। यही कारण है कि मोदी ने ब्राजील की यात्रा से पहले नाइजीरिया में कदम रखा। 17 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नाइजीरिया यात्रा हुई है। दक्षिण अमरीकी देश ब्राजील भी भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। जी-20 के अलावा ब्राजील ब्रिक्स में भी संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल है। ब्राजील के बाद मोदी लैटिन अमरीकी देश गुयाना की यात्रा भी करेंगे। मोदी ने एक साथ अपनी विदेश यात्रा से अफ्रीका, दक्षिण अमरीका तथा लैटिन अमरीका को साधने का प्रयास किया है। पिछले कुछ वर्षों से भारत ग्लोबल साउथ की मजबूत आवाज बना हुआ है। यही कारण है कि ग्लोबल साउथ के देशों का भारत के प्रति विश्वास लगातार बढ़ रहा है। इससे भारत के द्वारा किये जा रहे निर्यात में वृद्धि हो रही है तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की मजबूत छवि बन रही है। अब अफ्रीकी देश भी भारत को अपना नेता मानने को तैयार दिख रहे हैं।