भारत में ऑनलाइन गेमिंग सुरक्षित नहीं है। रिपोर्ट के मुताबकि हर 5 में से 4 भारतीय ऑनलाइन गेमिंग के दौरान साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। जिससे उन्हें बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान हो रहा है। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान हर भारतीय को औसतन 7,894 रुपए का नुकसान उठा पड़ रहा है। पिछली तीन तिमाही के दौरान गेमर्स पर किए गए सर्वे के मुताबिक करीब 75 फीसदी भारतीयों पर साइबर हमले हुए हैं। इन सभी हमलों को गेमिंग अकाउंट से किया गया है। साथ ही इस दौरान एक बात कॉमन रही है कि गेमर्स को गेमिंग डिवाइस में मैलिशियल सॉफ्टवेयर के चलते फ्रॉड का सामना करना पड़ा है। साथ ही 35 फीसदी डिवाइस में ऑनलाइन गेमिंग के दौरान अनअथॉराइज्ड एक्सेस का सामना करना पड़ा है। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान जिन गेमर्स पर साइबर हमले किए गए हैं, उनकी संख्या करीब 81 फीसदी है। यानी हर 5 में से 4 भारतीय को ऑनलाइन गेमिंग के दौरान साइबर हमले का सामना करना पड़ा है, जिससे उन्हें औसतन 7,894 रुपए का नुकसान हुआ है। इसका खुलासा साइबर सिक्योरिटी कंपनी हृशह्म्ह्लशठ्ठ रुद्बद्घद्ग रुशष्द्म से हुआ है। सर्वे रिपोर्ट के अहम प्वाइंट : ऑनलाइन गेमिंग के दौरान गेमर्स को हिडेन फीस और इन-गेमिंग करेंसी, कैरेक्टर और अन्य आइटम को एक्सेस करने के दौरान साइबर फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक हर 5 में से करीब 2 यूजर्स गेम खेलने के लिए पर्सनल सिक्योरिटी के साथ समझौता कर लेते हैं। जिससे उनकी डिवाइस में गेम डाउनलोडिंग के दौरान मालवेयर आ जाते हैं, जो बैकिंग फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। हर 10 में से 6 लोग करीब 62 फीसदी लोगों ने गेमिंग की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की।
सुरक्षित नहीं ऑनलाइन गेमिंग, हर 5 में से 4 भारतीय फ्रॉड के शिकार
