पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता

गुवाहाटी : केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे 18 नवंबर, 2021 को गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा के साथ सभी पूर्वोत्तर राज्यों के वरिष्ठ मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में पूर्वोत्तर एमएसएमई सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। कॉन्क्लेव का आयोजन एमएसएमई मंत्रालय की ओर से किया गया और इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई के लिए उद्यमिता और व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देना है। एमएसएमई क्षेत्र रोजगार सृजन और विनिर्माण आधार के विस्तार के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में इसमें 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली 6 करोड़ इकाइयां शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि एमएसएमई सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत से अधिक योगदान और भारत से कुल निर्यात का करीब 49 प्रतिशत से आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है। भारत का विकास तभी हो सकता है जब हम उत्तर-पूर्व का विकास करें और यह एमएसएमई मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। मंत्रालय ने  इस क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि लाने और देश के सकल घरेलू उत्पाद में उनके योगदान को बढ़ावा देने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था और एमएसएमई क्षेत्र के प्रदर्शन के बीच संबंध कभी भी अधिक संरेखित नहीं हुए हैं। यह आने वाले वर्षों में और बढ़ेगा। हमारी अर्थव्यवस्था पर एमएसएमई के प्रभाव को देखते हुए युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए जोर दिया जाना चाहिए और उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक अभिन्न भूमिका निभाने का मौका देना चाहिए, जिससे 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के सपने को साकार किया जा सके। गौरतलब है कि इस तरह के सम्मेलन पूर्वोत्तर क्षेत्र को बदले हुए आर्थिक परिदृश्य में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के प्रयासों में मदद करेंगे। इससे मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के बारे में समझ विकसित करने के साथ-साथ राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत शुरू करने में मदद मिलेगी जो इस क्षेत्र के लिए नीतियों के बेहतर नियोजन और निष्पादन में मदद करेगी।