भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीका के अपने तीन-दिवसीय दौरे के दूसरे दिन न्यूयॉर्क में हैं। इससे पहले 21 सितंबर को मोदी का विमान फिलाडेल्फिया में उतरा। यहां भारतीय समुदाय से एक संक्षिप्त मुलाकात के बाद वह विलमिंगटन शहर में राष्ट्रपति जो बाइडेन के आवास पर पहुंचे और क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लिया। चीन की चुनौती और हिंद-प्रशांत इलाके में बीजिंग के बढ़ते दबदबे से निपटना, क्वाड- 2024 में भी मुख्य थीम बनी रही। चारों नेताओं की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम विवादित पक्षों के सैन्यीकरण और दक्षिणी चीन सागर में बलपूर्वक और धमकाने वाले पैतरों पर अपनी गंभीर चिंताएं जाहिर कर रहे हैं। क्वॉड देशों ने चीन का सीधे-सीधे नाम लिए बिना कहा कि वे तटरक्षक बल और नौसैनिक जहाजों के खतरनाक इस्तेमाल की भी निंदा करते हैं। बयान में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सभी के लिए सुरक्षित बनाने का लक्ष्य रखते हुए कहा गया कि हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं, जहां कोई देश हावी ना हो और ना ही किसी देश पर हावी हुआ जाए। ऐसा क्षेत्र जहां सभी देश जबरदस्ती से मुक्त हों और अपना भविष्य तय करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकें। उल्लेखनीय है कि इसकी मेजबानी की अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की। सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शिरकत की। पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन को शिखर सम्मेलन की मेजबानी और क्वाड को मजबूत करने में उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया तनाव और संघर्ष के दौर से गुजर रही है तो क्वाड का साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ना मानवता के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि चार देशों का यह समूह संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान को बनाए रखने और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश करता रहेगा। उन्होंने कहा कि क्वाड का साझा मकसद एक स्वतंत्र, समावेशी और समृद्ध इंडो-पैसिफिक भी है। पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड वैश्विक भलाई की ताक बना हुआ है। इस मौके पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से जीवन बचाने के लिए साझेदारी की गई। हिंद-प्रशांत में प्रशिक्षण के लिए नई पहल की घोषणा का गई। समुद्री सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए 2025 में क्वाड -एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन पर जोर दिया गया। साथ ही प्रशांत क्षेत्र में बंदरगाहों के बुनियादी ढांचा के समावेशी विकास को आगे बढ़ाया जाएगा। क्वाड की सामूहिक विशेषज्ञता का लाभ उठाया जाएगा। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रख्र के विकास के लिए क्वाड सिद्धांत पर समझौता किया गया। देशों के बीच सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को मजूबत करने के लिए समझौता हिंद-प्रशांत में उच्च दक्षता वाले किफायती कूलिंग सिस्टम की तैनाती और निर्माण सहित ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक कोशिश मौसम और जलवायु की अंतरिक्ष आधारित निगरानी के लिए भारत मॉरीशस में एक अंतरिक्ष आधारित वेब पोर्टल के लिए सहयोग करेगा। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के छात्रों के लिए भारत के सरकारी संस्थानों में 4 वर्षीय स्नातक स्तर का इंजीनियरिंग कोर्स शुरू करने पर विचार किया गया। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि क्वाड सम्मेलन के माध्यम से चीन को स्पष्ट रूप से संदेश दे दिया गया कि वह किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित करने के लिए कार्य न करे। पूरी दुनिया में शांति, प्रगति और विकास के विभिन्न आयामों पर विचार- विमर्श किया गया। क्वाड चीन को स्पष्ट रूप से संदेश देने में कामयाब रहा, यह इस सम्मेलन की सबसे बड़ी सफलता है।
क्वाड से संदेश
