हम सभी जानते हैं कि सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा और जरूरी तारा है। लेकिन क्या आप कभी सोचते हैं कि सौरमंडल में सूर्य से भी बड़ा कोई ग्रह हो सकता है? आइए इस सवाल का उत्तर ढूंढते हैं और समझते हैं कि हमारे सौरमंडल में सूर्य की तुलना में क्या कुछ और भी बड़ा है या नहीं। सूर्य का व्यास लगभग 1.39 मिलियन किलोमीटर (8.6 लाख मील) है, जो इसे सौरमंडल का सबसे बड़ा खगोलीय पिंड बनाता है। इसका वॉल्यूम इतना विशाल है कि यह पृथ्वी के आकार की तुलना में लाखों गुना बड़ा है। वास्तव में, सूर्य सौरमंडल के कुल द्रव्यमान का लगभग 99.86 प्रतिशत समेटे हुए है।
क्या सौरमंडल में सूर्य से बड़ा कोई ग्रह है? : सौरमंडल में सूर्य से बड़ा कोई ग्रह नहीं है। हमारे सौरमंडल के ग्रह सूर्य की तुलना में काफी छोटे हैं। सबसे बड़ा ग्रह, बृहस्पति, जिसका व्यास लगभग 139,820 किलोमीटर (86,881 मील) है, भी सूर्य के आकार की तुलना में काफी छोटा है। बृहस्पति, जबकि ग्रहों में सबसे बड़ा है, फिर भी सूर्य के विशाल आकार के मुकाबले बहुत ही छोटा है। ग्रह और उपग्रह जैसे बृहस्पति के प्रमुख चंद्रमा (जैसे गैनीमीड) या शनि के चंद्रमा (जैसे टिटन) भी सूर्य के आकार से बहुत छोटे हैं। इन चंद्रमाओं का आकार ग्रहों के मुकाबले भी बहुत छोटा होता है, इसलिए सूर्य की तुलना में यह चंद्रमा और भी छोटे हैं। हालांकि सौरमंडल में सूर्य से बड़ा कोई ग्रह नहीं है, लेकिन हमारे सौरमंडल से बाहर आंतरतारकीय अंतरिक्ष में कुछ तारे हैं जो सूर्य से भी बहुत बड़े हैं। उदाहरण के लिए, वेजिटेबल और अर्कटुरस जैसे सुपरजाइंट तारे, जो हमारी आकाशगंगा में स्थित हैं, उनका व्यास सूर्य से कई सौ गुना अधिक हो सकता है। ये तारे सौरमंडल की तुलना में कई गुना विशाल होते हैं और उनके आकार को देखकर सूर्य का आकार बहुत ही छोटा लगता है।
क्या होता है सुपरनोवा : इसके अलावा, सुपरनोवा विस्फोट के बाद बनने वाले अवशेष भी सूर्य से बड़े होते हैं। लेकिन ये अवशेष सौरमंडल से बाहर होते हैं और इनकी तुलना सीधे सूर्य से नहीं की जा सकती।
ये तारे अक्सर विस्फोट के बाद विशालकाय हो जाते हैं और एक अद्वितीय खगोलीय परिदृश्य का निर्माण करते हैं।