ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में निवेशक अपने गाढ़ी कमाई गंवा देते हंै। किसी भी ट्रेडिंंग या शेयर में निवेश करने से पहले पूरी जांच आवश्यक है। असम में भी इसी तरह का ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाला सामने आया है,जिसमें निवेशकों की करोड़ों की पूंजी दांव पर लगी हुई है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में डीबी स्टॉक ट्रेडिंग में घोटाले का मामला उजागर हुआ। इस कंपनी में कई निवेशक हाई रिटर्न की लालच में धन निवेश किए थे, लेकिन जब वे अपना धन वापस लेने गए उस वक्त उनको अपनी धनराशि नहीं मिली। हंगामा बढ़ने पर इस स्टॉक ट्रेडिंग के मालिक तथा अन्य कर्मचारी फरार हो गए। इसके बाद यह मामला काफी तुल पकड़ा। जांच आगे बढ़ने के साथ ही पता चला कि असमिया फिल्म की अभिनेत्री सुमी बोरा उसके पति तार्किक बोरा, उसका भाई राजीव बोरा, भाई की पत्नी जिंकी मिली, विशाल फुकन एवं दिपांकर बर्मन जैसे लोग इसमें शामिल हैं, जिन्होंने जालसाजी कर काफी धन इकट्ठा कर लिया। पुलिस ने अभी तक इस मामले में राज्य भर में 28 मामले दर्ज किए हैं। इसकी जांच के लिए 14 एसआईटी का गठन हुआ है, जिसमें अभी तक कुल 59 लोगों को गिरफ्तार किया हैं। सुमी बोरा उसका पति तार्किक बोरा, उसका भाई, भाई की पत्नी जिंकी मिली अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। सुमी बोरा किसी भी वक्त गुवाहाटी पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकती हैं। अभी तक पुलिस ने इस मामले में विशाल फुकन को गिरफ्तार किया है। विशाल फुकन उक्त कंपनी के लिए निवेश जुटाने का काम करता था। पुलिस ने विशाल फुकन से जोड़े दो अन्य लोगों को चंदन नाथ तथा शुभज्योति कुर्मी को डिब्रूगढ़ से गिरफ्तार किया है। करोड़ों रुपए के घोटाले में निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नए-नए खुलासे भी हो रहे है। सुमी बोरा की गिरफ्तारी के बाद और नए खुलासे हो सकते है। इस घोटाले में शामिल अन्य अभियुक्त की तलाश के लिए असम पुलिस मेघालय से लेकर नेपाल तक खाक छान रही है। पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। अनेक निवेशकों का कहना है कि उन लोगों ने ज्यादा लाभ के चक्कर में उक्त कंपनी में निवेश किया था। एसआईटी ने जांच के दौरान अनेक निवेशकों एवं उनके परिवार के सदस्यों की बयान दर्ज किए है ताकि आगे की कार्रवाई तेज किया जा सके। जांच एजेंसियां, आईटी तथा संबद्ध दूसरी एजेंसियों के संपर्क में है। ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले की जांच के लिए कुछ तकनीक की भी जरूरत होगी। पुलिस को उम्मीद है कि वह इस मामले में तह तक पहुंचेगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने भी राज्य के निवेशकों को आश्वासन दिया है कि पुलिस इस साजिश का पर्दाफाश करेगी तथा लोगों को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश होगी। असम पुलिस ने इसी तरह के ट्रेडिंग एफएक्स मामले में रंजीत काकोती को गिरफ्तार किया है। इस कंपनी का मालिक भी पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया है। ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले का मामला समय-समय उजागर होता रहा है। लेकिन निवेशक ज्यादा लाभ कमाने की चक्कर में पिछली बातों को भूलकर निवेश करते हैं। सरकार को भी इस मामले में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। वर्तमान ट्रेडिंग घोटाले में फंसे लोगों को न्याय दिलाने के लिए पूरी कोशिश होनी चाहिए तथा उनकी कमाई की जमा पूंजी डूूब नहीं जाए। इससे पहले भी कई बड़े शेयर घोटाले हो चुके हैं। इसके सदमे से कई लोगों ने आत्महत्या तक कर ली। ऑनलाइन ट्रेडिंग के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाला
