पेरिसःदो बार की विश्व चैंपियन निखत जरीन (50 किलो) का ओलंपिक पदक जीतने का सपना बृहस्पतिवार को एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता चीन की वू यू से 0-5 से अप्रत्याशित और एकतरफा हार के साथ खत्म हो गया। निखत का यह पहला ओलंपिक था और उन्हें वरीयता नहीं मिली थी, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबीए) को मान्यता नहीं देती जो विश्व चैंपियनशिप कराता है।  भारत की पदक की सबसे प्रबल दावेदारों में से एक निखत को बेहद कठिन ड्रॉ मिला था। हार के बाद उन्होंने कहा कि सॉरी। यह मेरे लिए अच्छा सबक था। मैंने उसके खिलाफ पहले नहीं खेला था। वह काफी तेज थी। भारत लौटकर इस मुकाबले का विश्लेषण करूंगी। मुझे वरीयता नहीं मिली थी और यह मेरा पहला मैच नहीं था। उसका पहला मैच था जिसका असर पड़ता है। मैंने काफी मेहनत की थी, शारीरिक और मानसिक रूप से। मैं मजबूती से वापिस लौटूंगी। निखत पर मौजूदा फ्लाइवेट (52 किलो) विश्व चैंपियन यू ने पहले ही दौर से दबाव बना दिया। निखत ने जवाबी हमले बोलने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। यू का फुटवर्क बेहतरीन था जिससे वह लगातार स्टांस बदलकर घूंसे बरसाती रही।  दूसरे दौर में निखत ने कुछ सीधे पंच लगाए लेकिन यू ने उनके चेहरे पर मुक्के लगाते हुए अंक बनाए। तीसरे दौर में भी यू की चपलता का निखत के पास कोई जवाब नहीं था। निखत पेरिस ओलंपिक से बाहर होने वाली भारत की चौथी मुक्केबाज हैं। तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बरगोहाईं(75 किलो) और विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता निशांत देव (71 किलो) पदक से एक जीत दूर हैं। निशांत ने इक्वाडोर के जोस गैब्रिएल रोड्रिगेज टेनोरियो को विभाजित फैसले में 3-2 से शिकस्त दी। दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल (51 किलो), राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैसमीन लम्बोरिया (57 किलो) और एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता प्रीति पंवार (54 किलो) बाहर हो चुके हैं।