लंदन : इंग्लैंड के महान तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने दूसरी पारी में 32 रन पर तीन विकेट चटकाकर पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी टीम को एकतरफा जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।  पहली पारी में 121 रन बनाने वाली वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में मैच के तीसरे दिन एक घंटे से कुछ अधिक समय में 136 रन पर सिमट गयी। इंग्लैंड ने पारी और 114 रन से यादगार जीत दर्ज कर तीन मैचों की शृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। एंडरसन ने अपने कैरियर के आखिरी और 188वें टेस्ट मैच में कुल चार विकेट झटके जिससे इस प्रारूप में उनका कैरियर 704 विकेट के साथ खत्म हुआ। वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत छह विकेट पर 79 रन से की। इस समय वह इंग्लैंड से 171 रन पीछे थी। एंडरसन ने जोसुआ डिसिल्वा को आउट कर इंग्लैंड को दिन की पहली सफलता दिलायी।

इस 41 साल के गेंदबाज की बाहर जाती गेंद डिसिल्वा के बल्ले का किनारा लेते हुए विकेटकीपर के दस्ताने में चली गई।  उन्हें एक और सफलता मिल जाती लेकिन उन्होंने अपनी गेंद पर गुडाकेश मोती (नाबाद 31) का कैच टपका दिया। गस एटकिंसन ने आखिरी के तीनों विकेट चटकाकर पारी में पांच और मैच में कुल 12 विकेट लेकर अपने पदार्पण को यादगार बनाया। वह 1946 में एलेक बेडसर के बाद घरेलू मैदान पर एक टेस्ट में 10 विकेट लेने वाले इंग्लैंड के पहले गेंदबाज बन गए। एंडरसन टेस्ट में 700 से अधिक विकेट लेने वाले इकलौते तेज गेंदबाज है। वह मुथैया मुरलीधरन (800) और शेन वॉर्न (708) के बाद इस प्रारूप के तीसरे सबसे सफल गेंदबाज हैं। वह मैच के बाद जब मैदान से बाहर जा रहे थे तब दर्शकों ने खड़े होकर तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ उन्हें सम्मान दिया।

इस दौरान दर्शकदीर्घा में उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चे मौजूद थे। दिन की शुरुआत में उन्हें दोनों टीमों की ओर से 'गार्ड ऑफ ऑनर' मिलने के बाद वह भावुक दिखे। मैच के बाद उन्होंने इंग्लैंड की ड्रेसिंग रूम में कहा, 'इस सप्ताह गेंदबाजी के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं 55 साल का हो गया हूं।' 'स्काई स्पोट्र्स' पर प्रसारित इस वीडियो में उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के लिए खेलना दुनिया का सबसे अच्छा काम है। मुझे लंबे समय तक ऐसा करने का सौभाग्य मिला। मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे कुछ अद्भुत खिलाड़ियों, कुछ प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के साथ खेलने का मौका मिला। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मैंने जीवन भर के लिए कुछ बहुत अच्छे दोस्त बनाए हैं। उन्होंने ड्रेसिंग रूम को निहारते हुए कहा कि मुझे इस बात से जलन हो रही है कि इन युवा खिलाडिय़ों को अगले कुछ वर्षों तक इसका अनुभव मिलेगा। मैं आपको बस यही सलाह दूंगा कि हर पल का लुत्फ उठाए क्योंकि यह एक शानदार यात्रा है।" एंडरसन ने अपने टेस्ट कैरियर का अंत वहीं किया जहां 21 साल पहले शुरू किया था। उन्होंने 2003 में इसी मैदान परजिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया था।