पूर्वांचल प्रहरी स्टाफ रिपोर्टर

गुवाहाटी : एक बार फिर दिघलीपुखरी पार्क सुर्खियों में है। इस बार शहर के बीचोबीच स्थित पर्यावरण का प्रमुख स्रोत व आकर्षण केंद्र दिघलीपुखरी के जल से दुर्गंध निकल रही है। ऐसे में फिर दर्शकों के प्रति पर्यटन विभाग की लापरवाही सामने है। पर्यटन विभाग की गैरजिम्मेदारी के कारण पूर्वोत्तर के मुख्यद्वार गुवाहाटी के लगभग अमूमन सभी पार्कों की स्थिति बेहद जर्जर है। वहीं इस विषय पर दिखलीपुखरी के विभागीय अधिकारी व कर्मचारी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। इससे निकलने वाली बदबू के कारण पुखरी भ्रमण के उद्देश्य से आनेवाले पर्यटक नाक पर रुमाल रखने को मजबूर हैं। दिखलीपुखरी के कर्मचारियों ने बताया कि पुखरी से निकल रही दुर्गंध के बाद चुना तथा पोटास डाला गया है। परंतु इसके बाद भी पुखरी से निकलनेवाली बदबू कम नहीं हो रही है। जानकारी के अनुसार गत 4 -5 महीनों से पुखरी की सफाई नहीं की गई है। मालूम हो कि हर दिन आस-पास स्थित पेड़ से व्यापक मात्रा में पत्ते पुखरी में गिरते हैं जो सड़ जाते हैं जिससे दुर्गंध आना स्वभाविक बात है। कई स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते पुखरी की सफाई नहीं हुई तो फिर से मछलियों के मरने की संभावना अधिक हो जाएगी। वर्षों से दिघलीपुखुरी की साफ-सफाई नहीं कराने के कारण गत जुलाई महीने में लाखों संख्या में मछलियों की आकस्मिक मौत हुई थी। जिसके बाद मंत्री ने विभिन्न तरह के बयान भी दिए थे। उस वक्त पर्यटन मंत्री बिमल बोरा दिघलीपुखुरी में पहुंचकर स्थिति का जायजाभी लिया था। साथ ही इसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की घोषणा भी की थी। सबसे अहम बात यह है कि पर्यटन क्षेत्र के अधीन इस पुखुरी की दुर्गंध की वजह से पूरे इलाके का वातावरण प्रभावित हो रहा है। पर्यटन विभाग की लापरवाही के कारण उक्त पर्यटन क्षेत्र की स्थिति जर्जर हुई है। दिघलीपुखुरी के चारों ओर कॉटन कॉलेज, हैंडिक गर्ल्स कालेज, गुवाहाटी उच्च न्यायालय, असम राज्यिक संग्रहालय, रवींद्र भवन, राज्यिक पुस्तकालय, कार्जन हॉल सहित कई महत्वपूर्ण अनुष्ठान-प्रतिष्ठान हैं। रोजाना दिघलीपुखुरी के लिए भारी संख्या में पर्यटकों का आगमन होता है। स्थिति यह है कि पुखरी में उत्पन्न बदबू के कारण लोग नाक पर रूमाल लगाकर गुजरते हैं। दीघलीपुखुरी के किनारे आसू की ओर  आयोजित डॉ भूपेन हजारिका की 10वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में हिस्सा लेनेवालों को दिघलीपुखुरी से निकलनेवाली दुर्गंध के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ी।