महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के  लिए सर्वश्रेष्ठ दिन है दीपावली। इस दिन जो भी इंसान विधि-विधान से देवी लक्ष्मी की पूजा करता है उसे पैसों की समस्या नहीं सताती है। आमतौर पर ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली से पहले घर की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई की जाती है लेकिन इसके साथ कुछ और कारण भी हैं जिनकी वजह से दीपावली से पूर्व घर पर पेंट आदि किया जाता है। दीपावली पर साफ-सफाई और रंगाई-पुताई की परंपरा के पीछे एक कारण यह है कि दीपावली के बहाने कम से कम साल में एक बार घर के कोने-कोने को पूरी तरह साफ कर लिया जाए। घर की पुताई कर ली जाए। जिससे घर में फैली धूल-गंदगी की दूर हो जाए। दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें हर घर की रंगत बदल जाती है, हर घर सज जाता है और नए रूप में तैयार हो जाता है। सामान्यतः ऐसा माना जाता है कि दीपावली के दिन घरों को सुंदर रूप देने से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और वे हमारे घर पर निवास करेंगी। जिससे हमारा जीवन सुखी, समृद्धिशाली बना रहेगा। इसी मान्यता के आधार पर घरों को नया रंग-रूप दिया जाता है। घरों के रंग-रोगन के पीछे धार्मिक वजह तो है साथ ही इसके कई अन्य कारण भी हैं। सामान्यतः साल भर घर के कई हिस्सों में सफाई नहीं हो पाती है। जिससे वहां बीमारी फैलाने वाले कई प्रकार के कीटाणु पनप जाते हैं। जो कि हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इसके साथ ही घरों में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो जाती है और वहां रहने वाले सदस्यों को अत्यधिक मानसिक तनाव महसूस होता है। वास्तु के अनुसार भी घरों को पूरी तरह से साफ रखना अति आवश्यक है। अन्यथा वास्तुदोष बढ़ता है जो कि हमारी आर्थिक और मानसिक स्थिति के लिए अशुभ होता है। वर्षा ऋतु के बाद कई घरों की दीवारें गंदी हो जाती हैं, काली पड़ जाती हैं एवं घर के कई हिस्सों में अत्यधिक गंदगी फैल जाती है जिसे अच्छे स्वास्थ्य की दृष्टि से साफ करना बहुत जरूरी होता है। इसी वजह से दीपावली से पूर्व घर को साफ कर पुताई आदि की जाती है। रंगाई-पुताई से हमारे घरों की उम्र भी बढ़ जाती है, दीवारें सदा मजबूत बनी रहती हैं। साफ और सुंदर घरों में रहने वाले लोगों का व्यवहार भी वैसा ही हो जाता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर दीपावली पर घरों की साफ-सफाई और सजावट करने की परंपरा प्रारंभ की गई है।