नितेश झा ‘निक्की’
मधुबनी (बिहार)
बिहार में पंचायत चुनाव चल रहे हैं। जहां कई मतदाता चुनाव को लेकर उत्साहित हैं तो वहीं कुछ ऐसे वर्ग भी हैं जो चुपचाप बैठे हैं। ऐसा है कि पंचायत के विकास से प्रखंड का विकास होता है, प्रखंडों के विकास से जिले का विकास होता है, पूरे जिले का विकास से राज्य का विकास संभव है। राज्यों के विकसित होते ही देश अपने आप विकसित हो जाएगा। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पंचायत चुनाव कितने अहम होते हैं। यानी पहले विकास की जड़ को मजबूत करना होगा। जड़ मजबूत हो तो पेड़ भव्य रूप धारण कर लेता है। कुल ग्यारह चरणों में से पांच चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इस बार लोगों को युवा चेहरा ज्यादा पसंद आ रहा है। अब तक के नतीजों की बात करें तो ज्यादातर पंचायतों से नए चेहरों का चयन किया गया है। मतदान के शेष चरणों में जनता को बहुत सोच-समझकर अपना वोट देना चाहिए। यह तभी संभव होगा जब जनता इसे छोटा चुनाव न मानकर गंभीरता से लेगी। हालांकि पंचायती चुनाव में प्रत्याशियों को जानना-परखना आसान है। सभी प्रत्याशी आपके पंचायत के ही लोग होते हैं, जिनसे हम किसी न किसी माध्यम से परिचित होते हैं। ऐसे में हम अच्छे नेता आसानी से चुन सकते हैं। आवश्यकता है तो जात-पात के बहकाबे में न आने की, सूझ-बूझ के साथ मतदान करने की। वोट उन्हीं को करें जो विकास के लिए लड़े। इसके अलावा जनता की यह जिम्मेदारी है कि लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले। पंचायत चमकेगी तो देश जगमगाएगा।