दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले ही केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ से अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना एवं न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की पीठ ने 7 मई को अपनी सुनवाई पूरी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी एवं तुषार मेहता तथा ईडी के वकील सॉलिसिटर जेनरल एसवी राजू की दलील सुनने के बाद कहा कि वह अपना फैसला 9 मई या अगले सप्ताह सुनाएगा। अभी तक अंतरिम जमानत पर फैसला आना ही था कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि केजरीवाल पर दिल्ली में हुए बम विस्फोट में शामिल आतंकी देवेन्द्र पाल भुल्लर की रिहाई में मदद के लिए खालिस्तानी समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर लेने का आरोप है।

इस बात का खुलासा सिख फॉर जस्टिस के सुप्रीमो गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी हाल ही में किया था। मालूम हो कि पन्नू भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है जो अभी अमरीका एवं कनाडा में रहता है। पन्नू लगातार भारत को धमकी देता रहता है। उपराज्यपाल द्वारा भेजे पत्र के अनुसार भुल्लर को टाडा कोर्ट ने 25 अगस्त 2001 को मौत की सजा सुनाई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। आरोप है कि वर्ष 2014 से 2022 के बीच खालिस्तान समूह द्वारा 1.6 करोड़ डॉलर आम आदमी पार्टी को मिला जिसे गोवा के चुनाव में खर्च किया गया। ऐसा आरोप है कि वर्ष 2014 में केजरीवाल अमरीका पहुंचे थे, जहां उनकी मुलाकात न्यूयार्क के रिचमन हिल्स स्थित गुरुद्वारे में सिख चरमपंथियों से हुई थी जिसमें रिहाई के बदले धन देने की बात पर मुहर लगी थी। हालांकि आम आदमी पार्टी इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है।

आप का कहना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव को देखते हुए अरविंद केजरीवाल के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है। अगर सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति के मामले में अंतरिम जमानत भी देती है तो वे एनआईए की जांच में फंस सकते हैं। अगर जांच के दौरान कोई ठोस सबूत मिला तो केजरीवाल के लिए जेल से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा। केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं। दिल्ली आबकारी नीति के मामले में पहले ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पिछले एक वर्ष से जेल की हवा खा रहे हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह भी गिरफ्तार हुए थे, किंतु कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।

धन शोधन के मामले में सत्येन्द्र जैन भी गिरफ्तार हुए थे। चुनाव के वक्त केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार को निश्चित रूप से धक्का लगा है। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी पार्टी को बचाने के लिए मैदान में उतर चुकी है। आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पंजाब में आप ने कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं किया है। दिल्ली की सात में से चार सीटों पर आप प्रतिद्वंद्विता करेगी, जबकि तीन सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया गया है। गुजरात में भी कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को 1 सीट दिया है। केजरीवाल के जेल जाने के कारण आप के कार्यकर्ताओं का मनोबल निश्चित रूप से गिरा है। देखना है कि पार्टी के दूसरे नेता स्थिति को कैसे संभालते हैं?