पूर्वांचल प्रहरी कार्यालय संवाददाता
गुवाहाटीः ईंधन की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। पेट्रोल के दाम 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल के 35 पैसे प्रति लीटर और बढ़ गए हैं। इससे गुवाहाटी में पेट्रोल का दाम 100 रुपए प्रति लीटर हो गया है,जबकि डीजल 92.38 प्रति लीटर हो गया है। इससे पहले शनिवार को असम के कई शहरों में पेट्रोल ने शतक लगाया था। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल के दाम 30 पैसे प्रति लीटर और बढ़ाए गए हैं, वहीं डीजल की कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। वाहन ईंधन कीमतों में लगातार छठे दिन वृद्धि हुई है। इससे वाहन ईंधन के दाम नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते दाम पर जहां विपक्षी नेताओं ने सरकार को आड़े हाथों लिया वहीं प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष भवेश कलिता ने इसे हल्के अंदाज में लेते हुए कहा कि यह राज्य सरकार के हाथ में नहीं है। लोगों को पेट्रोल की खपत कम करना चाहिए। सरकार को एक बाइक पर तीन लोगों को सवारी करने की अनुमति देनी चाहिए ताकि युवाओं के पैसे बचें। उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी में पेट्रोल का दाम 100 रुपए प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। लगातार मूल्यवृद्धि के बाद अब एक राज्य की राजधानी को छोड़कर अन्य स्थानों पर पेट्रोल 100 रुपए से अधिक प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के अन्य बड़े शहरों के साथ गुवाहाटी भी इस सूची में शामिल हो गए है जहां रविवार से 100 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल बिकने लगा है। सदन में नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया ने महंगाई पर सरकार को लतारते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकान में 80 रुपए प्रति लीटर होने पर भाजपा ने देशव्यापी आंदोलन किया था, लेकिन आज उनके शासनकाल में पेट्रोलियम पदार्थ का दाम आसमान छू रहा है, वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भवेश कलिता ने कहा कि तेल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घटती या बढ़ती है। कच्चा तेल 82 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। शुद्ध आयातक होने की वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय दरों के अनुरूप होती है। कलिता ने कहा कि लोगों को बाजार जाने के लिए पैदल तथा साइकिल का प्रयोग करना चाहिए। हमें अपनी जीवनशैली को बदलना होगा। उन्होंने इसी संदर्भ में कहा कि कालेज जाने वाले युवाओं को एक बाइक पर दो की जगह तीन लोगों को बैठकर जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को अनुमति भी देनी चाहिए, क्योंकि हमें पेट्रोलियम पदार्थ को बचाने के लिए अपनी आदतों को बदलना होगा।