लोकसभा चुनाव के मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे राजनीतिक तापमान भी बढ़ता जा रहा है। नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर तीखे हमले किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मिशन-400 को पूरा करने के लिए लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं। दूसरी तरफ इंडी गठबंधन अभी भी कई राज्यों में चुनावी तालमेल बैठाने में विफल रहा है। इसका भाजपा को निश्चित रूप से फायदा मिलेगा। पिछली बार भाजपा को 303 सीटें मिली थी। इस बार भाजपा ने 370 का लक्ष्य रखा है। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि देश के उत्तरी राज्यों में भाजपा का प्रदर्शन वर्ष 2019 में शानदार रहा है। बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा ने काफी बंपर जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा ने उत्तर भारत के साथ-साथ दक्षिण भारत पर भी फोकस किया है। पार्टी का मानना है कि अगर उत्तर भारत में पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा को कुछ सीटें गंवानी पड़ी तो उसकी भरपाई दक्षिण से की जा सकती है। दक्षिण भारत के कुल 130 सीटों में से भाजपा को वर्ष 2019 में केवल 29 सीटें मिली थी। कर्नाटक की 28 सीटों में से भाजपा को 25 तथा तेलंगाना की 17 सीटों में से चार सीटों पर विजय प्राप्त हुई थी। तमिललाडु की 39, केरल की 20 तथा आंध्रप्रदेश की 25 सीटों में से पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। इस बार भाजपा ने तमिलनाडु में पूरी ताकत झोंकी है। एआईडीएमके के साथ गठबंधन टूटने के बावजूद कुछ क्षेत्रीय पार्टियों से हाथ मिलाकर भाजपा धुआंधार प्रचार कर रही है। आंध्र प्रदेश में भाजपा ने इस बार तेलगूदेशम पार्टी (टीडीपी) तथा एक अन्य क्षेत्रीय पार्टी के साथ गठबंधन किया है। यहां भाजपा 25 में से छह सीटों पर प्रतिद्वंद्विता कर रही है। तेलंगाना में पहले से ही भाजपा बेहतर स्थिति में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार दक्षिण भारत का दौरा कर रहे हैं। पिछले 10 अप्रैल को मोदी ने तमिलनाडु में रोडशो में हिस्सा लिया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। इससे पहले भी मोदी ने दक्षिण भारत के तीर्थ स्थानों का दौरा किया था तथा कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया। पार्टी को उम्मीद है कि इस बार तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में पार्टी का मजबूती से खाता खुलेगा। केरल में भाजपा उतनी मजबूत स्थिति में नहीं है फिर भी इस बार खाता खोलने की पूरी तैयारी चल रही है। कर्नाटक में पिछले रिकॉर्ड को दोहराने के लिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जी-जान से जुटे हुए हैं। तेलंगाना में भाजपा के प्रदर्शन को और बेहतर करने की पूरी तैयारी की गई है। भाजपा चाहती है कि दक्षिण में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन हो। भाजपा दक्षिण में बेहतर प्रदर्शन के बल पर अपने पिछले रिकॉर्ड को सुधारने के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है