(पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता)

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने सुचालक पदार्थों में इलेक्ट्रॉनों के विद्युत चालकता गुणों के संचालन पर एक नए और असामान्य घटना की पहचान की है। तार के संवाहक चरित्र के इस तरह के फिर से उभरने की घटना वैज्ञानिक शोध के दौरान पहले मालूम नहीं हुआ था। इस शोध के अनूठे पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, आईआईटी गुवाहाटी के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर सौरभ बसु ने कहा, हमारे अध्ययनों में, हमने दिखाया है कि इलेक्ट्रॉन के लिए पूरी तरह से मंटम यांत्रिक सिद्धांत को लागू करके कि एक बहुत ही विशेष स्थिति में, एक बार बंद हो जाने पर भी अगर बैरिकेड और तार के गुणों को नियंत्रित करने वाली शर्तों को सावधानीपूर्वक ट्यून किया गया हो तो इसे फिर से शुरू किया जा सकता है। मूल रूप से, इलेक्ट्रॉन परमाणुओं के महत्वपूर्ण घटक हैं, और परमाणु पदार्थ के निर्माण खंड हैं, जैसा कि स्कूल विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों में सीखा गया है। किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा इलेक्ट्रॉनों की गति के कारण होती है। यदि उनके मार्ग में बाधा डालने से ऐसी गति बाधित होती है तो इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। पहले यह माना जाता था कि ऐसी स्थिति में तार में बिजली का प्रवाह नहीं होगा। इसका कारण यह है कि इलेक्ट्रॉन प्लास्टिक को एक आड़ के रूप में देखते हैं जो उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है। भविष्य में यह शोध प्रौद्योगिकी को कैसे प्रभावित करेगा इस बात पर प्रकाश डालते हुए डॉ. तपन मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, भौतिकी विभाग, आईआईटी गुवाहाटी ने कहा कि इस शोध का व्यावहारिक उपयोग तत्काल उपलब्ध नहीं है, लेकिन इससे भविष्य में रोमांचक परिणाम सामने आएंगे। यह खोज पीयर-रिव्यूड साइंटिफिक जर्नल फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित हुई है, जो अमेरिकन फिजिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित भौतिकी में सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक है।  शोध पत्र के सह-लेखकों में प्रोफेसर सौरभ बसु, भौतिकी विभाग, आईआईटी गुवाहाटी, डॉ. तपन मिश्रा, सहायक प्रोफेसर, भौतिकी विभाग, आईआईटी गुवाहाटी और सुश्री शिल्पी रॉय, पीएचडी शोधप्रज्ञा, भौतिकी विभाग, आईआईटी, गुवाहाटी शामिल हैं।