असम के साधारण अग्रवाला परिवार  बरपेटा में 19 सितंबर 1940 को जन्मे जीएल अग्रवाला की लंबी बीमारी के बाद 25 फरवरी 2019 को निधन हो गया। हालांकि यह खबर कोई अचानक नहीं मिली,लगातार मिलने वाले लोगों को अच्छी तरह मालूम था कि वे अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति एवं मनोबल के कारण मृत्यु से जूझ रहे हैं, ना जाने यह मद्धिम दीपक कब बुझ जाए। इस संघर्ष के दरम्यान एक प्रेरणा देने वाली चीज यह थी कि जाने से पहले हर मित्र, रिश्तेदार और जानने-पहचानने वाले लोगों से मिलने के कारण जीवन में खट्टे-मीठे अनुभव  साझा करना तथा गिले शिकवे दूर करना था। मैं भी सिलचर से सपरिवार अक्तूबर में मिलने गया। उन्होंने एक-एक सदस्य को पास में बिठाकर अलग-अलग बातचीत की। उनकी आत्मा खुश हो गई कि सिलचर से चलकर मैं उनके पास गया था। जब ठेकेदारी में आवश्यकता से अधिक रूतबा एवं धन प्राप्त कर लिया तो उनकी इच्छा जनहित में कार्य करने की हुई। कितनी कठिनाई से तीस साल अखबारों को चलाया लेकिन हर चुनौती का डटकर सामना किया।  साथ-साथ इतने बड़े-बड़े सामाजिक कार्य किए जो किसी से छुपा नहीं है। अपने जीवन में धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं राजनीति के हर क्षेत्र से  उनका लगाव था। तेजपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ना भी अपनी आकांक्षाओं को पूरा करना था। कुछ इच्छाएं अधूरी जरूर रह गई लेकिन समय के अनुसार वो भी किसी के हाथों अवश्य पूर्ण होंगी।  उनकी कमी हमेशा हम जैसे मित्रों, शुभचिंतकों एवं अपने लोगों को रहेगी। इसलिए हमें उनकी जन्मतिथि व पुण्यतिथि पर साहित्यिक, सामाजिक अथवा धार्मिक आयोजन किया जाना चाहिए।

मदन सिंघल

पत्रकार एवं साहित्यकार, सिलचर

 मो.9435073653