असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने बुधवार को घोषणा की कि अक्टूबर महीने में होने वाली दुर्गा पूजा की अवधि के दौरान लोगों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों और प्रतिबंधों को शामिल करके एक एसओपी जारी की। स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पूजा के आयोजन से पहले समितियों को डीसी की अनुमति लेनी होगी। पूजा के आयोजन की अनुमति लेते समय सभी पूजा समिति के सदस्यों को अपना कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र (कम से कम एक टीका खुराक के लिए) डीसी को जमा कराना होगा। सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए पूजा मंडप को खुला और चौड़ा बनाना होगा। सभी मंडपों में प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग रखना होगा। पूजा समिति को पंडाल के प्रवेश द्वारों पर सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराना होगा और केवल उन लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी जो मास्क पहने हुए हैं। मेला और बाजार की अनुमति नहीं होगी। पंचमी के दिन सभी पुजारियों और पूजा से जुड़े लोगों का कोविड-19 के लिए परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा दशमी के बाद उनका फिर से परीक्षण किया जाएगा। विसर्जन दिवस पर संबंधित जिलों के डीसी पूजा समिति को सूचित करेंगे। स्वास्थ्यमंत्री ने यह भी सूचित किया कि पूजा के दौरान किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा सभा की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगली सूचना तक रात 9ः00 बजे से कर्फ्यू रहेगा। इसके अलावा मंत्री ने पूजा समितियों के आयोजकों से प्रोटोकॉल का पालन करने का तथा पूजा की रस्में निर्धारित समय सीमा में पूरी की जाने का भी आग्रह किया। पूजा से पहले और बाद में मंडप और पंडालों को सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया है। पूजा के लिए प्रतिमा बहुत बड़ी नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 12 अक्टूबर से पहले कोविड-19 टीकाकरण की पहली खुराक पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।