जिले के निमातीघाट पर बीते आठ सितंबर को हुई नौका दुर्घटना के मामले को लेकर कल हिरासत में लिए गए जल परिवहन विभाग के छह कर्मचारियों से गहन पूछताछ के बाद जोरहाट पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, वहीं घटना की जांच आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने मां कमला नौका के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। ऐसे में पिछले दो दिनों के भीतर घटना को लेकर दस लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आज पकड़े गए आरोपियों की पहचान उक्त नाव के मालिक पानीराम कलिता के पुत्र गौतम कलिता, नाव चालक प्रशांत पामेगाम, इंजन चालक बदन दत्त व कलेक्टर बिपुल बोरा के रूप में की गई। वहीं दूसरी तरफ संदेह के आधार पर पुलिस ने प्रदीप बरबोरा नामक सेक्टर असिस्टेंट को भी हिरासत में लिया। मालूम हो कि गिरफ्तार सात लोगों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें छह दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि हादसे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने घटनास्थल का दौरा करते हुए घटना को लेकर आपराधिक मामला थाने में दर्ज करने का निर्देश जारी किया, जिसके बाद पुलिस ने केस संख्या 1933/21 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 304 में एक मामला दर्ज किया। इधर नाव के मालिक पानीराम कलिता के पुत्र गौतम कलिता को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया, वहीं समाचार लिखे तक पानीराम अब भी पुलिस की पहुंच से दूर है। उल्लेखनीय है कि गत दो दिनों के भीतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी हंै। ऐसे में स्थानीय लोगों का आरोप है कि इतने बड़े हादसे की जांच में सिर्फ निचले स्तर के कर्मचारियों को गिरफ्तार करना मुख्य आरोपियों के लिए आरोपों से बच निकलने का काम करेगा,वहीं नौका हादसे के पांच दिन बाद भी लापता जोरहाट के डॉ. विक्रमजीत बरुवा का कोई सुराग नहीं मिल पाया। जोरहाट जिला प्रशासन के नेतृत्व में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम का लगातार अभियान जारी है। लेकिन डॉ. बरुवा को तलाशने में अब तक सफलता हाथ नहीं लग पाई है। मालूम हो कि नौका हादसे में लापता लखीमपुर के इंद्रेश्वर बोरा का शव कल विश्वनाथ घाट से बरामद होने के बाद मरने वालों की संख्या दो तक पहुंच गई।