सिंदूर का भारतीय संस्कृति में बड़ा महत्व है, खासकर जो महिलाएं सुहागिन हैं सिंंदूर उनके लिए बहुत ही जरूरी होता है। वैसे हर दुकान में सिंदूर उपलब्ध होता है और इस बात से हम सब वाकिफ हैं कि सिंदूर चुना, हल्दी और मरकरी को मिलाने के बाद बनता है। सिंदूर का पौधा, जिसे हम अंग्रेजी में कुमकुम पेड़ या कामिला पेड़ कहते हैं। अन्य वनस्पति की तरह सिंदूर का भी पेड़ होता है। ये एक ऐसा पौधा होता है जिसमें से जो फल निकलते हैं उससे पाउडर और लिक्विड फॉर्म में सिंदूर जैसा लाल डाई बनता है। कई लोग इसे लिक्विड लिपस्टिक ट्री भी कहते हैं,क्योंकि इसमें से जो रंग निकलता है उससे नेचुरल ही आपके होठों को भी रंग मिल सकता है।

कमीला के पेड़ पर फल गुच्छों  में लगते हैं जो शुरू में हरे रंग का होता है, लेकिन बाद में यह फल लाल रंग में बदल जाता है उन फल के अंदर ही सिंदूर होता है। वह सिंदूर छोटे-छोटे दानों के आकार में होता है, जिसे पीसकर बिना किसी दूसरी चीजों की मिलावट की सीधे तौर पर प्रयोग में लाया जा सकता है। यह शुद्ध और स्वास्थ के लिए भी बहुत ही उपयोगी है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इससे दवाएं भी बनती है। इसे लिपस्टिक, हेयर डाई नेल पॉलिश जैसे कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। सिंदूर का पौधा दक्षिणी अमरीका के साथ-साथ कई और एशियाई देशों में भी उगाया जाता है।