गौहाटी उच्च न्यायालय ने असम सरकार को ग्वालपाड़ा जिले में एक डिटेंशन केंद्र, जिसे अब ट्रांजिट कैंप का नाम दिया गया है का निर्माण पूरा करने के लिए 45 दिन का समय दिया है। शांतनु बरठाकुर की याचिका सहित कई अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराणा ने ग्वालपाड़ा के मटिया में डिटेंशन केंद्र का निर्माण पूरा करने के लिए छह सप्ताह का समय देने का सरकार का अनुरोध स्वीकार कर लिया। अदालत ने अपने 11 अगस्त के आदेश में कहा कि अदालत प्रस्तावित डिटेंशन केंद्र के निर्माण को पूरा करने और बंदियों को केंद्र में स्थानांतरित करने के लिए राज्य के आग्रह के अनुसार 45 दिन का समय देने की इच्छुक है। अदालत को बताया गया कि मौजूदा समय में राज्य के विभिन्न डिटेंशन केंद्रों में लगभग 177 बंदी हैं और उनमें से अधिकांश जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए हैं, जो उनकी रिहाई के लिए आवश्यक हैं। अदालत ने कहा कि राज्य की परिकल्पना थी कि मटिया ग्वालपाड़ा में डिटेंशन केंद्र के निर्माण को सितंबर, 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा। महाधिवक्ता ने कहा कि निर्माण कार्य को एक महीने में पूरा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने छह सप्ताह का समय देने का आग्रह किया। सरकार ने अदालत को सूचित किया कि निर्माण पूरा होने के बाद विभिन्न डिटेंशन केंद्रों में बंद सभी बंदियों को मटिया के केंद्र में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख नौ सितंबर तय कर दी।  ग्वालपाड़ा में बन रहा केंद्र, असम में मिले संदिग्ध और घोषित विदेशियों को रखने के लिए एकमात्र समर्पित स्थान होगा, जिसमें 400 महिलाओं सहित 3,000 बंदियों को रखा जा सकेगा। असम में फिलहाल छह डिटेंशन केंद्र हैं।