केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय आपदा प्रशमन प्रतिष्ठान(एनआईडीएम)  की ओर से गठित एक 40 सदस्यीय  विशेषज्ञ समिति ने चेतावनी दी कि डेड़ महीने बाद अक्तूबर महीने में कोविड की तीसरी लहर आने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि एआईएमएस की विशेषज्ञ समिति तथा भारतीय स्टेट बैंक की विशेषज्ञ समिति ने भी अक्तूबर महीने में कोविड की तीसरी लहर आने की संभावना व्यक्त की थी। इस लहर के दौरान दैनिक 5 लाख तक लोग संक्रमित होने की आशंका है। इसके साथ ही बच्चों का सर्वाधिक संक्रमित होने की बात भी कही गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रशमन प्रतिष्ठान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में दाखिल रिपोर्ट में उल्लेख है कि देश में कोविड की तीसरी लहर शुरू हो गई है। जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह से आर वैल्यू 1 से ऊपर चढ़ने लगा है। आर वैल्यू है एक संक्रमित व्यक्ति से और कितने व्यक्ति संक्रमित हो सकते हैं उसकी संख्या। ऐसी परिस्थिति में शिशु, को-मोर्बिडिटी के शशु तथा वयस्क लोगों को क्या-क्या सावधानती बरतने की आवश्यकता है उसका भी उल्लेख किया गया है। 40 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने खासकर बच्चों के अभिभावको से अब से ही सावधानी बरतने की अपील की है। इसके साथ ही समिति ने सरकार द्वारा कोविड के इलाज तथा बुनियादी ढांचे के उन्नतिकरण के लिए ली जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में भी उल्लेख किया है। मुख्य रूप से व्यापक टीकाकरण ही तीसरी लहर से सुरक्षित रहने का उपाय बताया गया है। परंतु अब तक देश में सिर्फ  50 करोड़ का टीकाकरण कोविड संक्रमण की सुरक्षा के प्रति एक चुनौती है। इन 50 करोड़ में से कुछ लोगों को वैक्सीन की सिर्फ एक ही खुराक मिली है। विशेषज्ञ समिति ने कोविड के इलाज के लिए बुनियादी ढांचे का युद्धस्तरीय प्रस्तुति को अधिक महत्व दिया है। देश के 82 प्रतिशत प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में  शिशु चिकित्सक नहीं है। शिशु के लिए पूरे देश में विशेषज्ञ चिकित्सक सिर्फ 18 प्रतिशत ही उपलब्ध हैं। देश के अस्पतालों में शिशुओं के लिए आईसीयू की व्यवस्था बहुत ही खराब है। ऐसी स्थिति में हाल ही में केंद्र सरकार ने 12-18 साल के उम्रवर्ग के लिए जाइकोव नामक वैक्सीन के जरूरी व्यवहार के लिए अनुमति दी है जो आशाव्यंजक है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कोविड की तीसरी लहर की मुकाबला करने के लिए 7,300 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि कोविड की तीसरी लहर के लिए केंद्र सरकार ने कुल 23,120 करोड़ रुपए निर्धारित किया है जिसमें से 17,444 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी और बाकी राज्य सरकारों को देना होगा। उक्त राशि आक्सीजन प्लांट की स्थापना, कोविड टेस्टिंग किट की खरीद, लेबोरेट्री निर्माण, शिशुओं के लिए कोविड की दवा तथा वेंटीलेटर खरीद के लिए आबंटित किया गया है।