तालिबान ने मंगलवार को पूरे अफगानिस्तान में ‘आम माफी’ की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया। इसके साथ ही तालिबान ने लोगों की आशंका दूर करने की कोशिश है, जो एक दिन पहले उसके शासन से बचने के लिए काबुल छोड़कर भागने की कोशिश करते दिखे थे और जिसकी वजह से हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा होने के बाद कई लोग मारे गए थे। वहीं, काबुल हवाई अड्डे के नागरिक उड्डयन वाले हिस्से में मंगलवार शाम को तालिबान लड़ाकों के प्रवेश करने और हवा में गोली चलाने की खबर है। अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला और कई शहरों को बिना लड़ाई जीतने वाला तालिबान वर्ष 1990 के क्रूर शासन के उलट खुद को अधिक उदार दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कई अफगान अब भी आशंकित हैं। पुरानी पीढ़ी तालिबान की अति रूढ़िवादी सोच को याद कर रही है,जब 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क पर हमले के बाद अफगानिस्तान पर अमरीकी कार्रवाई से पहले सजा के तौर पर पत्थर से मारने और सार्वजनिक तौर पर फांसी की सजा दी जाती थी। कब्जे के दूसरे दिन काबुल में शांति बनी हुई है और तालिबान गश्त कर रहा है। तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियारों को लूटने की घटना के बाद लोग घरों में ही हैं, लेकिन भयभीत हैं। कई महिलाओं ने आशंका जताई कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के दौरान महिलाओं को और अधिकार देने का पश्चिमी प्रयोग तालिबान के शासन में कायम नहीं रहेगा। जर्मनी ने इस बीच अफगानिस्तान के विकास के लिए दी जाने वाली मदद तालिबान के कब्जे के बाद रोक दी है। इस तरह की मदद अफगानिस्तान के लिए अहम है। माना जा रहा है कि तालिबान द्वारा अपनी नरम छवि पेश करने की एक वजह धन की निरंतर प्राप्ति सुनिश्चित करने का प्रयास हो सकती है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समानगनी ने आम माफी का वादा किया है। यह पहली बार है जब तालिबान की ओर से संघीय स्तर पर शासन को लेकर टिप्पणी की गई है। समानगनी की टिप्पणी अस्पष्ट है। हालांकि, अब भी तालिबान पदच्युत की गई सरकार के नेताओं से बातचीत कर रहा है और अबतक सत्ता हस्तांतरण के किसी औपचारिक समझौते की घोषणा नहीं की गई है। समानगनी ने कहा कि इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान ने पूरे सम्मान और ईमानदारी से पूरे अफगानिस्तान के लिए आम माफी की घोषणा की है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो विपक्ष में हैं या जिन्होंने वर्षों तक और हाल तक कब्जा करने वालों (अमरीका) का साथ दिया था।अन्य तालिबानी नेताओं ने कहा कि वे उन लोगों से बदला नहीं लेना चाहते हैं जो पूर्ववर्ती सरकार या विदेशों में कार्यरत थे। हालांकि, काबुल में कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि तालिबान लड़ाकों ने उन लोगों की सूची बनाई है, जो सरकार का सहयोग कर रहे थे और चाहते हैं कि वे सामने आएं। अफगानिस्तान की एक प्रसारक ने कहा कि वह अपने रिश्तेदार के यहां छिपी हुई है और काम पर जाना तो दूर घर लौटने को लेकर भी डरी हुई हैं क्योंकि खबर है कि तालिबानी लड़ाके पत्रकारों की भी तलाश कर रहे हैं। सुरक्षा कारणों से पहचान गुप्त रखते हुए उन्होंने कहा कि वह और अन्य महिलाएं तालिबान में हुए कथित बदलाव में भरोसा नहीं करतीं। समानगनी ने 40 साल से अधिक समय से चल रहे अफगानिस्तान संकट में महिलाओं को ‘मुख्य रूप से पीड़ित’ करार दिया। उसने कहा कि इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान महिलाओं को और पीड़ित नहीं बनाना चाहता। समानगनी ने कहा कि इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान की महिलाओं को इस्लामी कानून और हमारे मूल्यों के तहत काम करने और पढ़ने का माहौल देने और विभिन्न ढांचों (सरकार के) में शामिल करने को तैयार है। यह बयान तालिबान की पिछली सरकार की नीति से हटने का संकेत माना जा रहा है जिसमें महिलाओं को घरों में सीमित कर दिया गया था। समानगनी ने हालांकि, यह नहीं बताया कि उनके लिए शरिया या इस्लामी कानून का क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि सभी ओर के लोग सरकार में शामिल होंगे। तालिबान ने अपनी नयी छवि पेश करने की कोशिश की जिसके तहत निजी टीवी चैनल टोलो की महिला प्रस्तोता ने तालिबान अधिकारी का मंगलवार को कैमरे के सामने साक्षात्कार लिया, जिसकी पहले कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। वहीं , हिजाब पहनी महिलाओं ने काबुल में संक्षिप्त प्रदर्शन किया, इस दौरान उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिसमें मांग की गई थी कि तालिबान महिलाओं को सार्वजनिक जीवन‘ से दूर हीं करे।
तालिबान के रुख में नरमी, ‘आम माफी’ की घोषणा
