असम र्स्टाट अप के  उद्यम के तहत राज्य के युवाओं व उद्यमियों के कौशल विकाश को बढ़ावा देन के साथ आकाश मार्ग के लिए  उड़ान भरने में सहयोग किया है। इसके साथ ही महज तीन साल में इसके माध्यम उन्हें राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिला है। सबसे अबम बात यह है कि इससे 42 करोड़ से अधिक राजस्व संग्रह हुआ है। राज्य के युवा उद्यमियों के सहयोग के माध्यम से आईआईएम कोलकता इनोवेशन पार्क के अधिन असम के स्टार्ट अप को विश्व के वेस्ट स्टार्ट अप बनाने का लक्ष्य है। इस आशय की बातें मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने नगर के आमबारी स्थित स्टार्ट अप के द नेस्ट के प्रेक्षागृह में उद्यम के तीन साल पूरे होने पर प्रदर्शनी तथा सम्मान कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि गत 15 अगस्त को स्वाधीनता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्वोत्तर के साथ ही विकसीत असम की चर्चा की है। इसके साथ ही यहां के उर्जावान युवा व उद्यमियों द्वारा किए गए अहम कार्यो की प्रशंसा कर रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य में चाय, वनांचल के साथ ही अन्य बहुतायत क्षेत्र में प्रचुर संभावनाए है। बसे इसे ठिक से तरासने की जरूरत है। वनांचल के पेड़ों की कटाई के बदले इसके सुरक्षित रखते हुए भी बहुतायत कमाई का जरिया है। उन्होने कहा कि एक समय था जब असम में उत्पादिय भूत झलकिया को कोई नही जानता था, परंतु आज इसकी मांग देश ही नहीं विदेशों में भी बढ़ गई है। साथ ही असम स्टार्ट अप ट्राएलब्लेजर्स (वो.2) का लोकार्पण किया। वहीं इस मौके पर उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि असम में स्टार्ट अप को लेकर बड़ा सपना था जो केंद्र सरकार के सहयोग तथा राज्य के युवा उद्यमियों के सहयोग से संभव हो पाया। असम में तिन साल पहले पहले स्टार्ट अप नामक बेबी का जन्म हुआ था और तीन साल का बेबी दौड़ना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही आईआईएमसीआईपी के ग्रांड विजन के सुब्रांगसु शान्याल व राज्य सरकार के उद्योग व कॉमर्स के प्रिंसिपल सचिव डॉ. केके दिवेदी के साथ ही अधिकाधिक संख्या में युवा व उद्यमी भी उपस्थित थे