पेरिस: भारत के कंपाउंड तीरंदाजों ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए विश्वकप के चौथे चरण में शनिवार को यहां पुरुष और महिला टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते। इस स्पर्धा में भारतीय टीम का अभियान कुल पांच पदकों के साथ खत्म हुआ। अभिषेक वर्मा, ओजस देवतले और प्रथमेश जावकर की चौथी वरीयता प्राप्त भारतीय पुरुष कंपाउंड टीम ने क्रिस शेफ, जेम्स लुत्ज और सॉयर सुलिवन की दूसरी वरीयता प्राप्त अमरीकी टीम को 236-232 से हराया।

इस महीने के शुरू में बर्लिन में विश्व चैंपियन बनने वाली ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की कंपाउंड महिला टीम ने मेक्सिको के खिलाफ कुछ विषम पलों से गुजरने के बाद एक अंक से जीत दर्ज की। भारत ने इस तरह से सत्र के आखिरी विश्वकप में अभी तक दो स्वर्ण और तीन कांस्य पदक जीत लिए हैं। भारत के लिए तीसरा कांस्य ज्योति ने व्यक्तिगत वर्ग में हासिल किया। ज्योति ने शूट-ऑफ में पांच बार की विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता कोलंबिया की सारा लोपाज को हराया। दोनों के बीच मुकाबला 146-146 की बराबरी पर छूटने के बाद भारतीय तीरंदाज ने टाईब्रेकर में 'एक्स' (केंद्र के करीब) पर सटीक निशाना साधकर प्रतियोगिता में अपना दूसरा पदक हासिल किया।

भारतीय पुरुष कंपाउंड टीम पहले दौर के बाद एक अंक से पीछे चल रही थी, क्योंकि अमरीकी टीम में 60 अंक का परफेक्ट स्कोर बनाया था। भारतीय टीम ने हालांकि निरंतरता बनाए रखी और अगले दौर में भी 59 का स्कोर बनाया। दूसरे दौर में अमरीकी टीम ने दो अंक गंवाए जिससे स्कोर 118-118 से बराबर हो गया। तीसरे दौर में भी दोनों टीमें बराबरी पर रही लेकिन भारतीय टीम ने चौथे दौर में परफेक्ट 60 का स्कोर बनाया और अपने से अधिक रैंकिंग की अमरीकी टीम को चार अंकों से हराया।