आपने दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों, बड़े शहरों या हाईटेक शहरों के बारे में पढ़ा होगा लेकिन क्या आपको दुनिया के सबसे बड़े और भूमिगत शहर की जानकारी थी जिसकी खोज तुर्की में हुई है। ये इतना विशाल और खुशहाल शहर था जहां करीब 20 हजार लोग एक साथ बड़े आराम से रहते थे। बताया जा रहा है कि धरती के नीचे दबे इस सदियों पुराने भूमिगत शहर में करीब 200 से ज्यादा कस्बे थे। 'द सन' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की के कप्पाडोसिया में डेरिनकुयु नाम की सुरंग मिली है।
जिसमें ये पूरा शहर समाया हुआ था। 11 स्तर में बनी इस सुरंग के 600 प्रवेश द्वार हैं। इस भूमिगत शहर में लोगों के आलीशान घर, सामुदायिक भवन, पीने के पानी के कुंए, चर्च और कब्रिस्तान तक मौजूद हैं। यहां कई ऊंची इमारतें थीं, जिन पर जाने के लिए सीढिय़ां भी बनाई गई थी। प्रवेश द्वार पर पत्थर के दरवाजे लगे हुए थे, जो डेढ़ मीटर तक लंबे और 200 से 500 किलो वजनी हैं। उस दौर की स्थापत्य और वास्तुकला देखने लायक है। इस शहर की मजबूती आज भी लोगों को हैरान कर रही है।
इस भूमिगत शहर के मिलने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। बताया जा रहा है कि इस शहर के बारे में पहली बार लोगों को 1963 में पता चला था। उस दौर में जब एक रईस शख्स की मुर्गियां अचानक गायब होने लगीं। तब उसने पूरी रात जागकर छानबीन की तो उसे अपने घर में बने तहखाने में कुछ दरारें नजर आईं। जिनमें छेद था और एक सुरंग सी नजर आ रही थी। इसके बाद शख्स ने दीवार तुड़वा दी और उसके बाद जो दिखा वो बस अद्भुत था।
सबसे पहले एक विशाल सुरंग नजर आई। आगे पुरातत्वविदों की निगरानी में और खुदाई करवाई गई तो पता चला कि यहां तो 500 से ज्यादा सुरंगें मौजूद हैं। उन सुरंगों में अंडरग्राउंड घर, राशन के गोदाम, स्कूल, वाइनरी, चर्च जैसी चीजें भी मौजूद थे। रिसर्च का काम करीब 20 साल तक चला और तब जाकर साल 1985 में डेरिनकुयु को यूनेस्को की वल्र्ड हैरिटेड की लिस्ट में शामिल किया गया। बताया जाता है कि हजारों साल पहले यहां बड़े शांति प्रिय लोग रहते थे।
जब ऑटोमन तुर्क साम्राज्य के अत्याचारी शासकों का कहर आस-पास के इलाकों पर टूटने लगा तो अपनी जान बचाने के लिए उस दौर के लोगों ने इस कथित सुरंग यानी भूमिगत शहर को बनाया और बसाया और फिर अपने पूरे समुदाय के साथ यहीं छुप गए थे। हालांकि ये शहर कब बना इसके निर्माण काल को लेकर अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा जा सका है।