मिजोरम के मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआंगो ने शुक्रवार को कहा कि हिमंत विश्वशर्मा सरकार द्वारा जारी एक यात्रा परामर्श वापस लेने के बावजूद असम से कोई भी वाहन राज्य में नहीं आया है। चुआंगो ने यह भी कहा कि मिजोरम असम सरकार के साथ लगातार संपर्क में है, जिसने राष्ट्रीय राजमार्ग-306 के जरिये यातायात की आवाजाही फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है।असम के कछार जिले में कुछ संगठनों ने 26 जुलाई को अंतराज्यीय सीमा पर एक खूनी संघर्ष के बाद वाहनों को मिजोरम में प्रवेश करने से कथित रूप से रोक दिया था। उक्त संघर्ष में सात लोगों की जान चली गई थी। भौतिक नाकाबंदी और प्रदर्शन अगले कुछ दिनों में समाप्त हो गए, लेकिन ट्रक चालक परोक्ष तौर पर ताजा हिंसा के डर से अशांत क्षेत्रों में जाने को तैयार नहीं हैं। असम सरकार ने बाद में एक परामर्श जारी करके लोगों से मिजोरम की यात्रा करने से बचने को कहा था। उसने बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद इसे वापस ले लिया था। चुआंगो ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यात्रा परामर्श वापस लिए जाने के बावजूद कोई भी वाहन या यात्री असम से मिजोरम में प्रवेश नहीं कर रहा है। सरकार केंद्र और असम से लगातार संपर्क में है। मैंने असम के मुख्य सचिव से भी बात की है, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि सड़क साफ करने के उपाय किए जाएंगे।’’ मिजोरम में अधिकारियों ने आरोप लगाया कि असम के हैलाकांडी जिले में राज्य से जुड़ी रेल पटरियां कम से कम तीन स्थानों पर क्षतिग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि ‘गैर आधिकारिक’ नाकाबंदी से चिकित्सा खेप और कोविड-19 उपकरण सहित सभी आपूर्ति रुक गई है। मिजोरम के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री लालरुत्किमा ने कहा कि गैर-आदिवासियों सहित 30 से अधिक लोग वर्तमान में नाकाबंदी के कारण सिलचर के मिजोरम हाउस में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मिजोरम के कई निवासी भी गुवाहाटी में फंसे हुए हैं। संपर्क करने पर कछार पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया कि असम सरकार लोगों को मिजोरम की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन कई लोग ‘‘प्रतिक्रिया के डर से’’ इसको लेकर अनिच्छुक हैं।