गुवाहाटी: मेघालय हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद अभी तक अवैध रूप से चल रहे कोक प्लांटों को पूरी तरह नष्ट नहीं किया गया है। मेघालय पुलिस अभी तक अवैध कोक प्लांट से जुड़े बड़े कोयला माफियाओं को पकडऩे में विफल रही है। ऐसी खबर है कि कोयला माफिया पुलिस प्रशासन के साथ सांठगांठ कर मामला रफा-दफा करने में लगे हुए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के कारण मेघालय पुलिस अभियान चलाने का दिखावा कर रही है। मेघालय में 60 से ज्यादा चल रहे अवैध कोक प्लांटों में से केवल 10 को ही अभी तक नष्ट किया जा सका है। बड़े कोयला माफियाओं के कोक प्लांट को अभी तक नष्ट नहीं किया गया है। हाईकोर्ट ने बड़े कोयला माफियाओं को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता अमित गोयल ने हाईकोर्ट में कुल 19 कोयला सरगनाओं के नाम सौंपे थे, जिसमें धर्मवीर बंसल उर्फ धरमू, सुनील बंसल, बलवंत मामा, युधिष्ठिर मामा, सत्यनारायण बाघला, महादेव बाघला, ऋषि अग्रवाल, महावीर मीणा, आनंद गोयल, शिव मित्तल, प्रदीप मित्तल, बाबुल एस मराक, बाबू ङ्क्षसह, पवन अग्रवाल, अमित बाघला, दीपक ङ्क्षसगला के नाम शामिल हैं। पुलिस से बचने के लिए ये सभी फरार हो गए हैं। वहां के लोगों का कहना है कि अवैध कोक प्लांट के चलने से प्रदूषण बढ़ रहा है, जो भविष्य में खतरा उत्पन्न करेगा। प्रश्न उठता है कि अगर मेघालय में कोयले का अवैध खनन बंद है तो कोक प्लांट के लिए इतना कोयला कहां से मिल रहा है। ट्रक चालकों का कहना है कि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब कोक से लदे ट्रकों को पास कराने के लिए उनको पुलिस को प्रति ट्रक 20 हजार रुपए तक देना पड़ रहा है। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई में पूरे मामले पर कोर्ट विचार करेगा।